नवादाः भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की ओर से भू-जल संरचना को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से पिछले साल जुलाई 2019 में जल शक्ति अभियान की शुरुआत की थी. जिसका असर अब नवादा जिले में दिखने लगा है. दरअसल, पिछले कई वर्षों से जिले के जलस्तर में कमी आ रही थी. खासकर मेसकौर प्रखंड में और उसके अंतर्गत आनेवाले बिसियाएत पंचायत में जलस्तर काफी नीचे चली गई थी. आंकड़े के मुताबिक पिछले साल की तुलना में औसतन 6 फुट पानी का जलस्तर बढ़ा है. पिछले अगस्त में जिले में औसतन जलस्तर 33 फुट पर था. वहीं इस साल 26 फूट पर है.
जलस्तर 6 और मेसकौर में 3 प्रतिशत की वृद्धि
पिछले साल जिले का औसतन जलस्तर 33.40 था. वो अब बारिश की वजह से 27.40 पर पहुंच चुका है. मेसकौर 30, नवादा सदर 40, हिसुआ 36, वारसलीगंज 27, अकबरपुर 26, नारदीगंज 21, सिरदला 36, रजौली 26, नरहट- 22 और गोविंदपुर 20 फिट गहराई तक चला गया था. जिससे जल संकट की समस्याएं उत्पन्न हो गई थी. इससे भविष्य में पानी को लेकर गंभीर परिणाम का संकेत दिखाई देने लगा था. अधिकांश कुएं व चापाकल सूख गए थे. लेकिन पीएम मोदी के जल शक्ति अभियान ने मेसकौर प्रखंड ही नहीं बिसियाएत पंचायत की हालात ही बदलकर रख दी. इतना ही नहीं तालाब के मेड़ पर हजार पेड़ भी लगाए गए.
क्या कहते हैं ग्रामीण व स्थानीय जनप्रतिनिधि
हालांकि, 3.40 प्रतिशत की ही जलस्तर में सुधार हुई है, पर इससे लोगों को काफी राहत मिली है. ग्रामीणों का कहना है कि पहले 100 बार नल चलाते थे, तब जाकर कुछ ही बूंद चापाकल से पानी निकल पाता था और नहीं निकलता था. जब से आहर, तालाब की खुदाई और उसमें पानी की मात्रा बढ़ी है, तब से पानी आसानी से मिल जा रहा है, नहीं तो पहले एक-एक बूंद पानी के लिए तरसते रहते थे. वहीं, मुखिया अपने पंचायत में उत्पन्न हुए पेयजल की समस्या में सुधार से काफी खुश हैं और इसके लिए सरकार को धन्यवाद भी दे रहे हैं.