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जल शक्ति अभियान का असर, बदल दिया नवादा के इस प्रखंड व पंचायत का हाल

नवादा के मेसकौर प्रखंड पर जल शक्ति अभियान का असर पड़ा है. जिलाधिकारी यशपाल मीणा इस योजना के तहत जलस्तर में हुई वृद्धि को क्षेत्र की जनता के लिए सुखद बता रहे हैं और लोगों से जल संचयन के अभियान में बढ़-चढ़कर सहयोग करने की उम्मीद जताई है.

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Published : Sep 1, 2020, 8:01 PM IST

नवादाः भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की ओर से भू-जल संरचना को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से पिछले साल जुलाई 2019 में जल शक्ति अभियान की शुरुआत की थी. जिसका असर अब नवादा जिले में दिखने लगा है. दरअसल, पिछले कई वर्षों से जिले के जलस्तर में कमी आ रही थी. खासकर मेसकौर प्रखंड में और उसके अंतर्गत आनेवाले बिसियाएत पंचायत में जलस्तर काफी नीचे चली गई थी. आंकड़े के मुताबिक पिछले साल की तुलना में औसतन 6 फुट पानी का जलस्तर बढ़ा है. पिछले अगस्त में जिले में औसतन जलस्तर 33 फुट पर था. वहीं इस साल 26 फूट पर है.

तालाब में भरा पानी

जलस्तर 6 और मेसकौर में 3 प्रतिशत की वृद्धि
पिछले साल जिले का औसतन जलस्तर 33.40 था. वो अब बारिश की वजह से 27.40 पर पहुंच चुका है. मेसकौर 30, नवादा सदर 40, हिसुआ 36, वारसलीगंज 27, अकबरपुर 26, नारदीगंज 21, सिरदला 36, रजौली 26, नरहट- 22 और गोविंदपुर 20 फिट गहराई तक चला गया था. जिससे जल संकट की समस्याएं उत्पन्न हो गई थी. इससे भविष्य में पानी को लेकर गंभीर परिणाम का संकेत दिखाई देने लगा था. अधिकांश कुएं व चापाकल सूख गए थे. लेकिन पीएम मोदी के जल शक्ति अभियान ने मेसकौर प्रखंड ही नहीं बिसियाएत पंचायत की हालात ही बदलकर रख दी. इतना ही नहीं तालाब के मेड़ पर हजार पेड़ भी लगाए गए.

पेश है खास रिपोर्ट

क्या कहते हैं ग्रामीण व स्थानीय जनप्रतिनिधि
हालांकि, 3.40 प्रतिशत की ही जलस्तर में सुधार हुई है, पर इससे लोगों को काफी राहत मिली है. ग्रामीणों का कहना है कि पहले 100 बार नल चलाते थे, तब जाकर कुछ ही बूंद चापाकल से पानी निकल पाता था और नहीं निकलता था. जब से आहर, तालाब की खुदाई और उसमें पानी की मात्रा बढ़ी है, तब से पानी आसानी से मिल जा रहा है, नहीं तो पहले एक-एक बूंद पानी के लिए तरसते रहते थे. वहीं, मुखिया अपने पंचायत में उत्पन्न हुए पेयजल की समस्या में सुधार से काफी खुश हैं और इसके लिए सरकार को धन्यवाद भी दे रहे हैं.

पानी भरती महिलाएं

1 करोड़ 54 लाख की लागत से हुआ आहर-तालाब का निर्माण
बात दें कि, जल शक्ति अभियान के तहत जिले के सबसे सुखाड़ और पेयजल संकट से प्रभावित मेसकौर प्रखंड को चयनित किया गया. जिसमें बिसियाएत पंचायत की स्थिति काफी खराब थी. जिसको देखते हुए वहां दो तालाब की खुदाई और एक आहर का निर्माण लघु सिंचाई विभाग की ओर से करवाई गई थी. जिसकी लागत 1 करोड़ 56 लाख 14 हजार 595 है. दोनों तालाब को मिलाकर अभी फिलहाल 47 हजार घन मीटर जल का संचयन होगा.

अभियान को सफल बनाने में बारिश बना मददगार
जिन परिस्थितियों में इस अभियान की शुरूआत की गई थी, उससे यह अंदाज लगाना मुश्किल था कि यहां जलस्तर में सुधार हो पाएगा या नहीं. लेकिन मौसम मददगार बना और आज पेयजल की समस्या में सुधार हुई. जबकि गर्मियों के दिनों में इस इलाके में टैंकर से पानी की सप्लाई करवानी होती थी.

तालाब के चारों ओर पेड़

जल शक्ति अभियान में नवादा रहा था 57 रैंक
पेयजल संकट की समस्याओं से जूझ रहे देश के 255 जिले में पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम में जिक्र के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से एक जुलाई से इस अभियान की शुरुआत की गई थी. जिसमें अपर सचिव लेवल के अधिकारी को जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. अभियान के पहले चरण के पूरा होने के बाद उसे अन्य दूसरे जिलों से प्रतियोगिता कराई, जिसमें नवादा 57 वें स्थान पर रहा.

क्या कहते हैं अधिकारी
जिलाधिकारी यशपाल मीणा इस योजना के तहत जलस्तर में हुई वृद्धि को क्षेत्र की जनता के लिए सुखद बता रहे हैं और लोगों से जल संचयन के अभियान में बढ़-चढ़कर सहयोग करने की उम्मीद जताई है.

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