नवादा:जिले को शिक्षा के क्षेत्र में हर बिंदु पर खरा उतारने की तैयारियां हो रही है. जिले के सिरदला प्रखंड के तीन चयनित विद्यालयों में दस संकुल के सभी मिडिल स्कूल प्रभारियों की बैठक हुई. इंस्पायर अवार्ड मानक सृजनशीलता को विकसित करने एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम हैं. जिसका उद्देश्य कक्षा 6 से 10 में छात्रों को 10-15 वर्ष की आयु और अध्ययन के लिए प्रेरित करना है.
नवाचारों को लक्षित करना
इस योजना का उद्देश्य विज्ञान और सामाजिक अनुप्रयोगों में निहित एक मिलियन मूल विचारों / नवाचारों को लक्षित करना है. जो स्कूली बच्चों के बीच रचनात्मकता और नवीन सोच की संस्कृति को बढ़ावा दे. इस योजना के तहत, स्कूल 30 सितंबर 2020 तक इस वेबसाइट के माध्यम से छात्रों के 5 सर्वश्रेष्ठ मूल विचारों / नवाचारों को नामांकित कर सकते हैं.
इंस्पायर अवार्ड मानक योजना
हेडमास्टर की ओर से ऑनलाइन किसी भी भारतीय भाषा में दो से तीन सर्वश्रेष्ठ मूल विचारों के नामांकन, स्कूलों को ई-एमआईएएस पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करना चाहिए. विद्याार्थियों में विज्ञान के प्रति रूचि और रूझान बढ़ाने, उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तर्क क्षमता का विकास करने और नन्हें बाल वैज्ञानिकों को अवसर प्रदान करने के लिए इंस्पायर अवार्ड मानक योजना संचालित है.
पंजीयन की प्रक्रिया शुरू
बिहार के विद्यालयों के पूर्व माध्यमिक और हाई स्कूल स्तर की कक्षा छठवीं से दसवीं तक के होनहार बालक-बालिकाओं से सत्र 2020-21 में इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के तहत ऑनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया का कार्य प्रारंभ हो चुकी है.
5 हजार प्रतिभागियों के नामांकन का लक्ष्य
जिला शिक्षा पदाधिकारी, नवादा संजय चौधरी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जमाल मुस्तफा ने शिक्षा सत्र 2020-21 में जिले के सभी पूर्व माध्यमिक विद्यालयों और हाई स्कूल के कक्षा छठवीं से दसवीं तक के विद्यार्थियों की अधिक से अधिक संख्या में इंस्पायर अवार्ड मानक योजना में शामिल करने के लिए 5 हजार प्रतिभागियों के नामांकन का लक्ष्य रखा है.
स्वायत्तशासी संस्थान से संचालित
शिक्षाविद राजेश कुमार भारती ने बताया कि इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के तहत भारत सरकार विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली और नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार का स्वायत्तशासी संस्थान की ओर से संचालित है. इसमें राज्य के सभी विद्यालयों से कक्षा छठवीं से दसवीं तक के विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं.
पांच नए आइडिया का चयन
प्रत्येक माध्यमिक स्तर के विद्यालय से तीन, हाईस्कूल स्तर के विद्यालय से दो नए आइडिया और ऐसे विद्यालय, जहां पूर्व माध्यमिक शाला और हाईस्कूल एक साथ संचालित हों, वहां पांच नए आइडिया का चयन करने के बाद पंजीयन कराया जा सकता है. विद्यार्थियों के आइडिया के पंजीयन के लिए संबंधित विद्यालय के प्रधान अथवा प्राचार्य की ओर से या संस्था के विज्ञान शिक्षक के सहयोग से पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण कराई जाती है.
आइडिया के अनुरूप मॉडल तैयार
पंजीयन आइडिया या प्रोजेक्ट का एनआईएफ की ओर से चयन होने के बाद चयनित प्रतिभागियों को मॉडल बनाने के लिए 10 हजार रुपए की राशि उनके बैंक खाते में प्रदाय की जाती है. चयनित विद्यार्थियों की ओर से आइडिया के अनुरूप मॉडल तैयार कर जिला/संभाग स्तर पर आयोजित प्रदर्शनी प्रतियोगिता में भाग लेना होता है. मो. ईश्रफिल ने बताया कि यहां प्रतियोगिता में चयनित होने वाले प्रतिभागी राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में हिस्सा लेते हैं.
विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक
इसमें चयन के बाद एनआईएफ की ओर से प्रायोजित मेंटोरशिफ्ट कार्यक्रम, जो राज्य या राज्य के बाहर के एनआईटी या आईआईटी में कराया जाता है, मेंटरशिप कार्यक्रम का दो या तीन दिवसीय आवासीय शिविर विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक और बहुत ही ज्ञानवर्धक होते हैं. कार्यक्रम में विद्यार्थियों के साथ शिक्षक भी शामिल होते हैं.
राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी
प्रतिभागियों की ओर से मेंटरशिप कार्यक्रम के बाद मॉडल प्रोजेक्ट में आवश्यक सुधार कर उसे नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी में शामिल किया जाता है. यहां प्रतिभागियों को राष्ट्रपति के साथ मिलने और चर्चा करने का सुअवसर प्राप्त होता है.
10 अंक प्रदान करने का प्रावधान
राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी के लिए चयनित प्रतिभागियों को देश के कुछ प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए 6 अंक और राष्ट्रीय प्रदर्शनी में पुरस्कार प्राप्त प्रतिभागियों को 10 अंक प्रदान करने का प्रावधान है. इसके साथ ही चयनित विद्यार्थियों को सकुरा अवार्ड स्कीम के तहत जापान भ्रमण पर भेजा जाता है. विद्यालय प्रभारी ऑनलाइन के लिए सम्पर्क वेबसाइट -www.inspireaward-dst.gov.in है.
कई लोग रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में संकुल समन्वयन सीताराम प्रसाद, त्रिलोकी कुमार, रामजन्म प्रसाद, गजेंद्र कुमार, सुबोध कुमार, संतोष कुमार, विजय चौधरी और संचालन सुरेश चौधरी, इरफान, अनिल प्रसाद, गणेश शंकर विद्यार्थी आदि ने सक्रिय भूमिका निभाया.