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नवादा: स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने पूल टेस्टिंग से कोरोना जांच का दिया निर्देश - बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने नवादा के डीएम को आरटी-पीसीआर पूल टेस्टिंग से कोविड-19 की जांच करने का निर्देश दिया है. साथ ही सैंपल 6 बजे शाम से पहले भेजने का निर्देश दिया है.

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स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव

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Published : Aug 12, 2020, 8:58 PM IST

नवादा:जिले में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर हो रहे जांच कार्यों में और तेजी लाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पत्र जारी कर डीएम को सुझाव और निर्देश दिया है. साथ ही संदिग्धों में शत-प्रतिशत कोरोना संक्रमण की पहचान का भी आदेश दिया है.

एंटीजेन किट से जांच
बता दें इन दिनों जिले में कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए कई इलाकों में व्यापक रूप से एंटीजेन किट के जरिए जांच की जा रही है. इस जांच में नेगेटिव आने वाले लोगों की पुनः आरटी-पीसीआर के माध्यम से जांच कराने का सुझाव दिया गया है.

कोरोना संक्रमण की पहचान
आरटी-पीसीआर पुल टेस्टिंग जांच की मदद से संदिग्धों में शत-प्रतिशत कोरोना संक्रमण की पहचान और इसे समाप्त करने में मदद मिलेगी. जारी पत्र में नवादा में आरटी पीसीआर पूल टेस्टिंग की बाबत आवश्यक निर्देश देते हुए कहा गया है कि व्यापक रूप से रैपिड एंटीजेन किट का प्रयोग किए जाने वाले इलाकों में निगेटिव आए व्यक्तियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाए.

कई जिले किए गए शामिल
आरटी-पीसीआर पूल टेस्टिंग के लिए नवादा के अलावा अररिया, मधेपुरा, सिवान, मधुबनी, लखीसराय, मोतिहारी, शिवहर, सहरसा और भागलपुर जिले भी शामिल किए गए हैं. प्रधान सचिव ने अपने पत्र में वर्णित सभी जिलों को सैंपल 6 बजे शाम से पहले ही संबद्ध लैब में भेजने और भेजे जा रहे सैंपल को नंबर वाइज बॉक्स में अरेंज कर ही भेजने को कहा है.

24 घंटे में सैंपल का रिजल्ट
सभी आरटी-पीसीआर लैब के प्रभारी की ओर से जिले से भेजे गए सैंपल का रिजल्ट 24 घंटे के अंदर निश्चित रूप से दे दिए जाने के लिए आश्वासन भी दिया है. पूल टेस्टिंग यानी एक से ज्यादा सैंपल को एक साथ लेकर टेस्ट करना और कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाना पूल टेस्टिंग कहलाता है.

नाक से स्वॉब सैंपल
पूल टेस्टिंग का इस्तेमाल कम संक्रमण वाले इलाकों में होता है. जहां संक्रमण के ज्यादा मामले हैं. वहां पर अलग-अलग जांच की जाती है. पूल टेस्टिंग के लिए पहले लोगों के गले या नाक से स्वॉब सैंपल लिया जाता है. फिर उसकी टेस्टिंग की जाती है. इससे कोविड-19 की मौजूदगी का पता लगाया जाता है. इसका रिपोर्ट आने में 6 से 24 घंटे का समय लगता है.



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