नवादा: जिले में किसानों के लिए मेंथा की खेती कर किसान लाखों रुपये कमा रहे हैं. किसानों का मानना है कि मेंथा की खेती कर नवादा को इसका हब बनाया जा सकता है. जिला मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर दूर अकबरपुर प्रखंड के डेरमा गांव में मेंथा की खेती की जा रही है.
मेंथा पैसे कमाने का बड़ा जरिया बनकर उभरा है. किसान ने पारंपरिक खेती से हो रहे नुकसान और पानी की समस्या के चलते सुगंधित औषधिय मेंथा की खेती करनी शुरू कर दी. आज नवादा में करीब 20 एकड़ में मेंथा की खेती कर किसान सालाना लाखों रुपए कमा रहे हैं. किसान मनोज कुमार की जिन्होंने पारंपरिक खेती में अधिक लागत के बावजूद अधिक मुनाफा न मिलता देख अपना इरादा बदल लिया और कैश क्रॉप फसल यानी मेंथा की खेती करने लगे.
नवादा से राहुल की रिपोर्ट सालाना है लाखों की आमदनी
किसान मनोज कुमार बताते हैं कि एक एकड़ में कम करीब 30-40 हजार रुपए कमा लेते हैं. अगर प्रकृति ने साथ नहीं दिया तो नुकसान भी होता है. मनोज ने बताया कि मेंथा की खेती के लिए सरकार से 8 हजार रुपया प्रति एकड़ दे रही है.
क्या मेंथा और कहां होता है उपयोग
- मेंथा एक सुगंधित औषधीय फसल है, जिससे तेल तैयार होता है. इसे मेंथा ऑयल कहते हैं.
- इस ऑयल का इस्तेमाल कफ सिरप, अन्य सिरप, सौंदर्य उत्पाद, विक्स, टूथपेस्ट, सुगंधित गुटखा, पिपरमेंट आदि बनाने में होता है.
मेंथा के बारे में बताते मनोज
बड़ी कंपनियों में है मेंथा की डिमांड
मनोज बताते हैं कि इसकी डिमांड डाबर, विक्स, झंडू बाम जैसी बड़ी-बड़ी कंपनी करती हैं. अभी कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है, ऐसे में इसका उपयोग सैनीटाइजर बनाने में भी होता है. इसका मार्केट रेट गेहूं और धान से अच्छा है. इसकी कमी की समस्या होती है लेकिन बिक्री की नहीं.
12 सौ से 18 सौ रुपया है कीमत
मेंथा ऑयल का बाजार काफी बढियां है, जिससे किसानों को इसकी खेती करने में आमदनी दुगुनी होती है. इसकी कीमत बाजार में करीब 12 से 18 सौ रुपया प्रति किलो होती है.
अवसान विधि से बनता मेंथा ऑयल नवादा बन सकता है मेंथा हब
मनोज की माने तो सरकार अगर मदद करे, तो नवादा मेंथा का सबसे बड़ा हब बन सकता है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार मेंथा की फसल नुकसान का 25 प्रतिशत मुआवजा तय कर दे, तो किसानों की दिलचस्पी इस जैविक खेती की ओर और बढ़ेगी.