नवादा: गैरकानूनी कारोबार का अड्डा बनता जा रहा है. अभी शराब से हुई मौत का मामला पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ है कि यहां एक और बड़े गोरखधंधे का खुलासा हो गया है. पुलिस ने नवादा में नकली सिगरेट बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. इसमें विभिन्न नामी-गिरामी ब्रांड के करीब एक करोड़ रुपये का नकली सिगरेट बरामद किया गया है.
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पुलिस ने हिसुआ थाना क्षेत्र के हदसा गांव में छापेमारी कर यह सफलता हासिल की है. बता दें कि आईटीसी कंपनी के अफसरों ने हिसुआ थाना पुलिस की मदद से हदसा गांव के पास से होकर बहने वाली ढाढर नदी के किनारे संचालित इंटरप्राइजेज में छापेमारी की. यहां से भारी मात्रा में सिगरेट बरामद की गई. फैक्ट्री से देसी और विदेशी दोनों ब्रांड के नकली सिगरेट, पैक किए गए बड़े-बड़े कार्टन और रैपर आदि बरामद किए गए. इस फैक्ट्री में लगभग एक करोड़ रुपये का मशीन भी लगा हुआ है.
कोलकाता से आई थी कंपनी की टीम
कोलकाता से पहुंची आईटीसी ग्रुप के ब्रांड प्रोटेक्शन अफसर, फिल्ड और सेल्स ऑफिसरों की टीम ने हिसुआ पुलिस के सहयोग से छापेमारी की. छापेमारी के बाद फैक्ट्री को सील कर दिया गया. हालांकि मौके पर सिकर राजस्थान के रहने वाले फैक्ट्री मैनेजर रमेश कुमार को गिरफ्तार किया गया. वहीं, हालांकि फैक्ट्री में छापेमारी के दौरान फैक्ट्री का मालिक फरार हो गया.
संचालक पर प्राथमिकी दर्ज
आईटीसी लिमिटेड के प्रोटेक्शन ऑफिसर गौरव महतो के आवेदन पर फैक्ट्री के मालिक राजु सुल्तानिया, उसके भाई रमेश सुल्तानिया और सुधीर सुल्तानिया के खिलाफ थाने में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420, 20बी, 63ए, काॅपी राईट एक्ट 63 तथा ट्रेड मार्क एक्ट 103/104 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई.
फैक्ट्री का मालिक 6 बार गया है जेल
आईटीसी के प्रोटेक्शन ऑफिसर ने बताया कि इस इंटर प्राईजेज सिगरेट फैक्ट्री के मालिक को फतुहा पटना में किसी अन्य नाम से सिगरेट बनाने का लाईसेंस मिला था, लेकिन टैक्स नहीं जमा करने से लाईसेंस का नवीनीकरण नहीं हुआ. इसके बाद फैक्ट्री के मालिक ने तब से विभिन्न ब्रांण्ड के नकली सिगरेट बना कर मार्केट में बेचने शुरू कर दिया. नकली सिगरेट बनाने के आरोप में इसके मालिक को 6 बार जेल जाना पड़ा था.
कई शहरों में है नकली सिगरेट की फैक्ट्री
इसके अलावा गौरव महतो ने बताया कि इस तरह से इनका कई शहरों में नकली सिगरेट की फैक्ट्री है. लेकिन ये सरकार को टैक्स नहीं देते. सिगरेट फैक्ट्री के मालिक को 70 फीसदी सरकार को टैक्स भरना पड़ता है. फिलहाल प्रशासन ने सिगरेट फैक्ट्री को सील कर दिया है.