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नवादा: जिला पशुपालन पदाधिकारी ने मुर्गीपालन के लिए 33 परिवारों में बांटे चूजे - Animal Husbandry Department

जिला पशुपालन पदाधिकारी ने चूजे वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया. इस मौके पर 33 परिवारों को मुर्गीपालन हेतु चूजे दिए गए. इस मौके पर लोगों को सूअर पालन और बकरी पालन की भी जानकारी दी गई. नवादा के 1050 परिवारों को मुर्गीपालन से जोड़ने का लक्ष्य है.

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चूजे वितरण कार्यक्रम
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Published : Jan 9, 2021, 9:14 AM IST

नवादा:जिले के पकरीबरावां प्रखण्ड के डुमरावां पंचायत के भगवानपुर महादलित टोला में एक कार्यक्रम आयोजित कर 33 परिवारों को मुर्गीपालन के लिए चूजे दिए गए. जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. तरुण कुमार उपाध्याय, सहायक कुक्कुट पदाधिकारी डॉ. श्रीनिवास शर्मा, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी डॉ.अखिलेश कुमार और प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी डॉ. अभिषेक कुमार ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का उद्घाटन किया.

'राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत नवादा के 1050 परिवारों को मुर्गीपालन से जोड़ा जाना है. जिले के पकरीबरावां प्रखण्ड से इसकी शुरुआत की गई है. यहां 102 परिवारों का चयन किया गया है. इस मौके पर 33 परिवारों को चूजे दिए गए हैं. प्रत्येक लाभुक को 45 चूजे दिए गए हैं. लाभुकों से प्रति चूजे 10 रुपए की दर से राशि ली गई है. लाभुकों को चूजे की सुरक्षा की जानकारी दी गई'.-जिला पशुपालन पदाधिकारी

'लाभुकों को उच्च नस्ल के चूजे उपलब्ध कराए गए हैं. इन चूजों का विकास तेजी से होता है. तीन से चार माह में ये चूजे चार से पांच किलो के हो जाएंगे. चूजे को रखने के लिए लाभुकों द्वारा केज बनाया गया है. जिसके लिए लाभुकों के खाते में 15 सौ रुपए दिए गए हैं. इस दौरान लोगों से अपील की गई है कि किसी प्रकार की परेशानी होने पर प्रखण्ड पशुपालन पदाधिकारी से संपर्क करें'.-सहायक कुक्कुट पदाधिकारी

जिले के किसानों को मुर्गी पालन से जोड़कर और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की पहल पर जिला पशुपालन पदाधिकारी ने जिले के पकरीबरावां प्रखण्ड के डुमरावां पंचायत के लोगों के बीच चूजे बांटे. इस मिशन का मकसद नवादा के 1050 परिवारों को मुर्गीपालन से जोड़ना है. स्थानीय लोगों ने जिला पशुपालन पदाधिकारी के इस पहल को जमकर सराहा.

वर्ष 2014-15 के दौरान शुरू किए गए राष्ट्रीय पशुधन मिशन को सतत, सुरक्षित और न्यायसंगत पशुधन विकास के माध्यम से पशुधन पालकों और किसानों, विशेष रूप से छोटे धारकों के पोषण और जीवन स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से पशुधन क्षेत्र के विकास के लिए तैयार किया गया था.

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