नवादा: नवजात व शिशुओं के बेहतर पोषण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिले में स्तनपान को बढ़ाये जाने की कवायद जारी है. इसके मद्देनजर शिशुओं के परिजनों के बीच मां के दूध के फायदों की जानकारी दी जा रही है. शुक्रवार को विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतिम दिन आंगनबाड़ी सेविकाओं, आशा, ममता कार्यकर्ता, एएनएम व स्वास्थ्यकर्मियों सहित जीविका स्वयं सहायता समूहों में भी स्तनपान के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मां के स्तनपान के फायदे, जन्म के 1 घंटे के अंदर स्तनपान, शिशु को जन्म के पहले 6 माह तक सिर्फ स्तनपान, स्तनपान की अवस्था, 6 माह से अधिक होने पर अनुपूरक आहार की शुरूआत व इसके साथ शिशु का 2 साल तक नियमित स्तनपान जारी रखने जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा कर उनके पोषण को सुनिश्चित कर उन्हें गंभीर बीमारियों से बचाने का काम किया जा रहा है.
आंकड़ों पर गौर करने की है जरूरत
यह चिंता का विषय है कि जिले में महज 42.8 फीसदी बच्चों को ही जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान मिल पाता है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य कल्याण सर्वेक्षण-4 की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में 32.8 प्रतिशत शिशुओं को ही उनके जन्म से 6 माह तक पूर्ण स्तनपान करने का मौका मिल पाता है. बात जब स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार देने की हो तो 6 माह से 8 माह तक के 45.4 प्रतिशत शिशुओं को ही स्तनपान व अनुपूरक आहार दोनों मिल पाता है. अनुपूरक आहार के प्रति जागरूकता नहीं होने से बच्चों को उनके उम्र के हिसाब से सही आहार नहीं मिल पाना बाद के समय में कुपोषण का कारण बनता है. जिले में 6 से 23 माह के महज 14.6 प्रतिशत शिशुओं को ही पूर्ण पोषण मिल पाता है.