नवादा: बिहार के नवादा जिले के वारिसलीगंज में छह दिनों पहले हुई रिटायर्ड क्लर्क की हत्या की गुत्थी सुलझाने में पुलिस ने सफलता हासिल की है. एसपी अम्बरीश राहुल और पकरीबरावां एसडीपीओ महेश कुमार चौधरी के दिशा निर्देशन में गठित पुलिस की टीम ने वैज्ञानिक अनुसंधान के तहत घटना में शामिल एक अपराधी को गिरफ्तार किया है. उसके पास से पुलिस ने घटना में प्रयुक्त बाइक और लोडेड देसी कट्टा बरामद किया है. पीड़ित परिवार द्वारा इस कांड से संबंधित प्राथमिकी में अज्ञात बाइक चालक पर आरोप लगाया गया था.
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11 जुलाई को हुई थी हत्या: थानाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस कर्मियों की टीम ने घटना के महज छह दिनों में हत्यारों का पता लगा कर एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि पिछले 11 जुलाई को वारिसलीगंज में एक नवनिर्मित मकान में रिटायर क्लर्क 63 वर्षीय उपेंद्र प्रसाद सिंह को अज्ञात अपराधियों द्वारा घर के मुख्य दरवाजे पर सिर एवं सीने में गोली मारकर हत्या कर दी गई. बाद में मृतक के भाई द्वारा अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी कराई दर्ज की गई थी.
देसी कट्टा के साथ एक अपराधी गिरफ्तार: प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना के छठे दिन हत्या में शामिल शेखपुरा जिले के शेखोपुर सराय थाना क्षेत्र के ओनमा ग्रामीण महेश कुमार सिंह के पुत्र राहुल सिंह को गिरफ्तार किया है. बाद में आरोपी की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त लोडेड देसी कट्टा, एक जिंदा कारतूस एवं एक खोखा को पुलिस ने बरामद किया है. जबकि घटना में प्रयुक्त हथियारों के साथ एक एंड्रॉइड मोबाइल तथा अपाची बाइक आदि को बरामद कर थाना लाई गई है.
हिरासत में लिए गए चार युवक: वैसे तो इस मामले की छापेमारी के दौरान विभिन्न स्थानों से चार युवकों को हिरासत में लिया गया था. जांच के क्रम में हिरासत में लिए गए तीन युवकों को मुक्त करते हुए अपराध स्वीकार करने वाले एक अपराधी को गिरफ्तार किया गया. वहीं कांड के मुख्य आरोपी दौलतपुर ग्रामीण अनिल सिंह का छोटा पुत्र सुधांशू कुमार उर्फ लाला अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. पुलिस इस हत्या आरोपी को गिरफ्तार करने लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. वारिसलीगंज थाना में प्रेसवार्ता आयोजित कर पकरीबरावां के एसडीपीओ महेश कुमार चौधरी और थाना अध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा ने संयुक्त रूप से इसकी जानकारी दी है.
क्या कहती है पुलिस?: पुलिस ने बताया कि दौलतपुर गांव में वर्ष 2017 में अनिल सिंह की पत्नी को डायन का आरोप लगाते हुए अर्धनग्न अवस्था में पूरे गांव में कुछ लोगों ने घुमाया था. उक्त घटना में मृतक के अलावा विवेकानंद सिंह की अहम भूमिका रही थी. बताया गया कि उक्त घटना का बदला लेने के लिए ग्रामीण अनिल सिंह के पुत्र गुड्डू सिंह और उसके साथियों के द्वारा वर्ष 2018 में विवेकानंद सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या के बाद गुड्डू सिंह अपराधी बन गया और अपने जीजा के चचेरे भाई कुख्यात अपराधी नालंदा जिले के बकमा निवासी रघुनाथ सिंह के संरक्षण में अपराध करने लगा.
"मामला 2017 के एक कांड से जुड़ा हुआ है. उस समय अनिल सिंह की पत्नी पर डायन का आरोप लगाते हुए अर्धनग्न अवस्था में पूरे गांव में कुछ लोगों ने घुमाया था. जिसमें मृतक के अलावा विवेकानंद सिंह की अहम भूमिका थी. आरोपी ने 2018 में विवेकानंद सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं इस बार उपेंद्र प्रसाद सिंह की भी जान ले ली है."- आशीष कुमार मिश्रा, थाना अध्यक्ष
जेल से रचा हत्या का षड्यंत्र: कहा गया कि अभी रघुनाथ सिंह एवं गुड्डू सिंह एक हत्याकांड मामले में पटना के बेऊर जेल में बंद है. कहा गया कि जेल में बंद दोनों आरोपियों के द्वारा ही उपेंद्र सिंह की हत्या का षड्यंत्र जेल से रचा गया है. तब जेल में बंद दौलतपुर ग्रामीण गुड्डू सिंह अपने छोटे भाई सुधांशु उर्फ लाला एवं बकमा निवासी रघुनाथ सिंह के बड़े भाई रामानंद सिंह का रिश्ते में साला ओनमा निवासी राहुल सिंह के द्वारा बदला लेने के उद्देश्य उपेंद्र सिंह की हत्या कर दी गई. पुलिस ने बताया कि हत्या के षड्यंत्र में शामिल बेऊर जेल में बंद दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ किया जाएगा, जबकि एक फरार अभियुक्त लाला की गिरफ्तारी जल्द कर ली जाएगी.