नवादा: देश के सुप्रसिद्ध सूर्य मंदिरों में एक हड़िया का सूर्य मंदिर भी है. यह नवादा जिले के नारदीगंज प्रखंड के हड़िया गांव में है. मान्यता है कि मंदिर प्रांगण में स्थित सरोवर में पांच रविवार स्नान करने से कुष्ठ व्याधि से मुक्ति मिलती है. नि:संतान लोग यहां संतान प्राप्ति की कामना करते हैं.
यहां सूर्य नारायण की दुर्लभ मूर्ति और प्राचीन सरोवर है. यहां सालों भर लोग श्रद्धालु आते-जाते रहते हैं, लेकिन महापर्व छठ के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. दक्षिण बिहार के अलावा सीमावर्ती राज्यों के श्रद्धालु भी पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं.
"यह सूर्य मंदिर द्वापर युग का है. मंदिर के प्रांगण में स्थित तालाब में स्नान के बाद भगवान सूर्य का जलाभिषेक करने से सभी तरह के चर्मरोग का निवारण होता है. कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है. यहां लोग दूर-दूर से मन्नत मांगने आते हैं. कोई पुत्र की मन्नत मांगता है तो कोई कुछ और. भगवान सूर्य सभी की मनोकामना पूर्ण करते हैं."- उपेंद्र सिंह, स्थानीय ग्रामीण
क्या है धार्मिक मान्यता
दूसरी ओर किंवदंतियों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की नौ पटरानियां थी, जिनमें से एक थी जाम्बावती, जिसके पुत्र साम्ब श्रीकृष्ण की तरह ही दिखते थे और उनके तरह ही 16 कलाओं में निपुण थे. साम्ब को गोपियों ने भ्रमवश श्रीकृष्ण मान लिया था. साम्ब भी अपनी पहचान बताए बगैर गोपियों के रासलीला में शामिल हो गए थे, जिसे देख श्रीकृष्ण क्रोधित हो गए थे और साम्ब को श्राप दे दिया था.