बिहार

bihar

ETV Bharat / state

पाकिस्तान में भारतीय जासूस बना कैद रखे गए चंद्र राम, 18 साल बाद लौटे बिहार - पाकिस्तान की जेल

19 अगस्त को पंजाब के अटारी-वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान रेंजर्स ने बीएसएफ को एक भारतीय नागरिक लौटाया था. ये भारतीय बिहार के नवादा जिले का रहने वाला था, जो आज से 15 साल पहले गलती से पाकिस्तान पहुंच गया था.

बिहार लौटा चंद्र राम
बिहार लौटा चंद्र राम

By

Published : Aug 28, 2020, 5:18 PM IST

नवादा: ईटीवी भारत ने पंजाब के अटारी-वाघा बॉर्डर पर चंद्र राम को वापस लौटाए जाने की खबर सबसे पहले दिखाई थी. आज चंद्र राम अपने घर पहुंच गये हैं. उनका परिवार और गांव के लोग बेहद खुश नजर आ रहे हैं.

15 साल पहले चंद्र राम किसी तरह भारतीय सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए. उन्हें इस बारे में बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि वो पाकिस्तान में हैं. लिहाजा, उन्हें 18 साल पाक में काटना पड़ा. 19 अगस्त को पाकिस्तान रेंजर्स ने भारत को चंद्र राम को सौंप दिया. चंद्र राम की दी हुई जानकारी के बाद पता लगा कि वो बिहार रहने वाले हैं. पहले उन्हें पटना का बताया गया. लेकिन गांव के बारे में जब जांच हुई, तो पता चला कि जिस गांव का नाम चंद्र राम ले रहे हैं, वो बिहार के नवादा जिले में पड़ता है.

नवादा से राहुल राय की रिपोर्ट

परिजनों को दी गई सूचना
नवादा केकाशीचक प्रखंड के भवानी बिगहा गांव रहने वाले चंद्र राम की घर वापसी से परिजन बेहद खुश हैं. परिजन बताते हैं कि 2002 में घर से लापता हो गए थे, जिसके बाद काफी खोजबीन की गई. लेकिन उनका पता नहीं चल सका. बीते 10 अगस्त को बीएसएफ के 89 वीं बटालियन के कमांडेंट ने जिले के एसपी हरिप्रसाथ एस को मेल के जरिए तस्वीर भेजकर जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह किया था, जिसके बाद इसकी सूचना काशीचक थाना को दी गई.

चंद्र राम (फाइल फोटो)
  • 18 साल पहले अपने घर से लापता हुए चंद्र राम
  • 15 साल से पाकिस्तान में थे चंद्र राम
  • इससे पहले 3 साल अमृतसर में काम करते रहे.
  • गांव में चंद्र राम को सब राम चंद्र कहकर बुलाते हैं. लेकिन कागज में उनका नाम चंद्र राम है.

25 अगस्त को मिला परिवार
भवानी बिगहा के ग्रामीण किसी मामले को लेकर थाना पहुंचे थे, जहां थानाध्यक्ष ने ग्रामीणों को फोटो दिखाया गया, इसके बाद पता चला कि ये गांव के चंद्र राम ही हैं. पहचान की पुष्टि होने के बाद रामचंद्र के बेटा मिथिलेश, भाई इंद्रदेव यादव और भतीजा कौशल यादव उन्हें लाने के लिए 25 अगस्त को पंजाब के गुरदासपुर पहुंचे. यहां बीएसएफ और स्थानीय पुलिस ने कागजी कार्रवाई पूरी करते हुए चंद्र राम को उनके परिजनों को सौंप दिया.

बच्चे हो गए बड़े
जब चंद्र राम अपने घर से लापता हुए थे, तब उनके बच्चे बहुत छोटे थे. 18 साल बाद जहां चंद्र राम बुजुर्ग हो गये हैं, तो वहीं उनके बच्चे बड़े और समझदार हो गये हैं. अपने पिता को घर में पा कर बच्चे बेहद खुश हैं. उनकी एक बेटे और बिटिया की बिटिया की शादी भी हो गई है. रामचंद्र के लापता हो जाने के बाद से पारिवारिक स्थिति काफी खराब हो गई थी. बिटिया बड़ी हो रही थी, उसकी शादी नाना-नानी ने करा दी. वहीं, चंद्र राम की पत्नी बहुत खुश हैं, कैमरे के सामने अपनी खुशी जाहिर करने में लज्जा करती नजर आईं.

खुश हैं चंद्र राम की पत्नी

जासूस समझकर किया गया प्रताड़ित
हालांकि, रामचंद्र ठीक से बोल नहीं पाते हैं. फिर भी थोड़ी बहुत लडखड़ाती जुबान से बताया कि वो ट्रेन पकड़ कर अमृतसर चले गए थे, जहां उन्होंने 2-3 साल काम किया लेकिन फिर वहां से अचानक निकलने के दरम्यान नदी पार कर पाकिस्तान चले पहुंच गये. पाकिस्तान में उन्हें वहां की पुलिस ने धर दबोचा और काफी दिनों तक उन्हें जासूस समझकर पूछताछ की गई और प्रताड़ित भी किया गया. बर्ताव में कोई परिवर्तन ना देख 15 साल बाद पाक के अधिकारियों का दिल पसीजा और उन्होंने चंद्र राम को लौटा दिया.

अपने परिवार के साथ चंद्र राम

मानसिक स्थिति ठीक नहीं
वहीं,चंद्र राम के बारे में यह भी बताया जा रहा है कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. उस वक्त डॉक्टरों से इलाज भी कराया गया था. एक दिन वो अचानक गायब हो गये. ईटीवी भारत के पंजाब संवाददाता ने भी वहां से यही जानकारी भेजी थी. उनकी मानसिक स्थिति अभी भी सामान्य नहीं है. पंजाब अधिकारी भी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं. बहरहाल, परिजन और गांवभर के लोग खुश हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details