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नवादाः बढ़ती ठंढ़ से इंसान ही नहीं पशु भी परेशान, ऐसे रखें ध्यान - बढ़ते ठंढ़ से इंसान ही नहीं पशु भी परेशान

जिला पशुपालन पदाधिकारी तरुण उपाध्याय बताते हैं कि कुछ ऐसी बीमारियां है जो ठंड में होती है जैसे, कोल्ड डायरिया. यह रात में मवेशियों को पीने के लिए नाद में दिए गए पानी को बैगर हटाए सानी लगा देने से फैलता है.

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Published : Dec 27, 2019, 8:53 AM IST

नवादाःसूबे में बढ़ती ठंड का असर अब नवादा जिले में भी दिखने लगी है. सर्दी के सितम से आम लोग ही नहीं पशु भी परेशान हैं. बढ़ते जाड़े में सिकुड़ते पशुओं का शरीर बिन बोले ही सबकुछ कह देता है. पिछले कुछ दिनों से तापमान में हो रहे कमी और सुबह-शाम बढ़ रहे कोहरे ने बड़े जानवरों के साथ-साथ छोटे उछल-कूद करनेवाले बछड़ों को भी दुबक कर रहने पर मजबूर कर दिया है.

वहीं, किसान भी मजबूर है जिनके परिवार का एकमात्र सहारा पशुधन है. जिसकी हिफाजत की हमेशा चिंता रहती है. पशुपालक जद्दो यादव का कहना है कि ठंड में मवेशी बीमार हो जाते है, उन्हें बुखार आ जाता है. ठंड के कारण खाना कम खाते है, ऐसे में संशय बना रहता है.

ठंड से परेशान पशु

फुस या छप्पर के घर मे रखें मवेशी
पशुधन को कैसे ठंड से हिफाजत की जाए और इसका ख्याल रखा जाए इसके बारे में जिला पशुपालन पदाधिकारी तरुण उपाध्याय कहते है कि अधिकतर मवेशियों के लिए टिन का सेड, कारकेट या फिर पक्के का घर होता है. लेकिन पशुओं के लिए फुस का घर या छप्पर का घर बेहतर होता है, यह गर्म रहता है. वहीं, उनका यह भी कहना है कि जहां पशुघर रहता है, वहां जमीन पर आग जलाएं, धुआं करें ताकि घर गरम रह सके और मच्छर का प्रकोप भी कम रहेगा, तो इससे पशु भी स्वस्थ रहेगा.

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ठंड में कोल्ड डायरिया का रहता है खतरा
वहीं, उपाध्याय बताते हैं कि कुछ ऐसी बीमारियां है जो ठंड में होती है जैसे, कोल्ड डायरिया. यह रात में मवेशियों को पीने के लिए नाद में दिए गए पानी को बैगर हटाए सानी लगा देने से फैलता है. हमारे किसान भाई को चाहिए कि ताजा पानी चापाकल से भर कर उसे दें या फिर हल्का गरम कर पानी दें.

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