नवादा:विभिन्न मांगों को लेकर पिछले 16 अगस्त से चल रहा राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है और अगले निर्णय तक जारी रहेगा. पूरे नवादा में चल रहे प्रत्येक परियोजना के कार्यक्रम की तहत मंगलवार को हिसुआ परियोजना के आंगनबाड़ी कर्मी की आंदोलात्मक बैठक परिसर के डीपीओ कार्यालय के पास की गयी. जिसका नेतृत्व परियोजना सचिव सहायक जिला मंत्री प्रभा देवी ने किया.
परियोजना की भी कई समस्याएं
सचिव सहायक ने कहा कि हिसुआ परियोजना में 16 अगस्त 2020 से अनिश्चितकालीन हड़ताल में पूरी सेविका-सहायिका लगी हुई है. जब तक निर्णय नहीं होता, हड़ताल जारी रहेगा. 17 सूत्री मांगों के अलावा हिसुआ परियोजना की भी कई समस्याएं हैं. जैसे मकान किराया वर्षों से कुछ सेविका का लंबित है, जो उचित किराया है. वह भुगतान नहीं किया जाता है.
अविलंब भुगतान की मांग
साल 2016 में सहायिका का बकाया रकम अभी तक नहीं प्राप्त हुआ है, इसकी मांग भी की जाती है. कई महीनों से गोद भराई, मोबाइल रिचार्ज आदि का भी पैसे का भुगतान बाकी है. जिसके अविलंब भुगतान की मांग करते हैं.
सेविकाओं के प्रति सौतेलापन
सभा को संबोधित करते हुए संघ के जिला अध्यक्ष विजय प्रसाद सिंह ने कहा कि 2 बार सरकार से वार्ता हुई है, जो असफल रहा है. सरकार की नियत सेविकाओं के प्रति सौतेलापन है. एक तरफ मंत्री, विधायक, अफसर और दूसरे-दूसरे विभाग के कर्मी का वेतन बेतहाशा बढ़ाया जाता है और आंगनबाड़ी कर्मी के लिए सरकार के पास पेट भरने की भी राशि नहीं दी जाती है. इस संवेदनहीन सरकार को बदल देने की जरूरत है.
क्या कहते हैं जिला अध्यक्ष
जिला अध्यक्ष ने कहा कि हम सब अपनी चट्टानी एकता को दिखा कर ही दम लेंगे. जो सरकार हमारी मदद करेगी, हम उसका साथ देंगे. ऐसा संकल्प हम लोगों को लेना है. अन्यथा सरकार अपनी ईमानदारी से अपनी आंखे खोलें.
हाजरी बनवाने की शिकायत
पूरे जिले में पर्यवेक्षिकाए हैं और मोबाइल को-ऑडिनेटर दबाव देकर मोबाइल से हाजरी बनवाने की शिकायत आ रही है. जिसकी संघ भरपूर निंदा करती है और अफसरशाही की तानाशाही नहीं चलेगी. इसकी आवाज हम वरीय पदाधिकारी तक पहुंचाएंगे और नियमित होने तक लड़ाई जारी रहेगी. पुनः सरकार से वार्ता के लिए वक्त मांगा गया है. जिसका निर्णय जल्द ही हो जाएगा.
कई लोग रहे मौजूद
सभा को संबोधित करते हुए बबिता शर्मा, पिंकी कुमारी, कांति कुमारी, पुष्प लता कुमारी, संगीता कुमारी, उषा कुमारी, रीता देवी, सुनीता देवी, राज नंदनी कुमारी, बेवी कुमारी, रंजय कुमार विद्यार्थी, रंजीत कुमार आदि ने विभिन्न नारों के साथ अपनी बात को रखा. साथ ही मानदेय देना बंद करो और वेतन का प्रावधान करो आदि का नारा दिया गया.