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बिहार में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया अक्षय नवमी का त्योहार, भंडारे का किया गया आयोजन

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Published : Nov 24, 2020, 1:08 PM IST

दीपावली के 8 दिनों बाद पड़ने वाले अक्षय नवमी का त्योहार बिहार के अलग-अलग जिलों में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान महिलाएं आंवला के पेड़ की पूजा कर कथा सुनती हैं.

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नवादा: शोभिया स्थित शोभनाथ मंदिर परिसर में सोमवार को अक्षय नवमी के अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. अक्षय नवमी भगवान विष्णु की पूजा के लिए काफी शुभ दिन माना जाता है.

कन्यादान फल की प्राप्ति
दीपावली के 8 दिन बाद नवमी के दिन आंवले वृक्ष की पूजा होती है. लोगों की मान्यता है कि भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक इसी वृक्ष पर निवास करते हैं. इस दिन लोग आंवले के वृक्ष को कच्चे धागे से रक्षा सूत्र से बांधते हैं और कथा सुनते हैं. शास्त्र पुराण माने तो अक्षय नवमी के दिन कुष्मांड का दान करने से उत्तम फल मिलता है. इसके साथ ही विधिवत तुलसी विवाह कराने से कन्यादान फल की प्राप्ति होती है.

पटना:जिले में अक्षय नवमी का काफी धूमधाम से मनाया गया. इस त्योहार को लेकर लोगों की मान्यता है कि नवमी के आंवला के वृक्ष पर भगवान विष्णु निवास करते हैं. इस दिन गुप्त दान किया जाता है.

देखें पटना की रिपोर्ट.

विधि-विधान के साथ पूजा
अक्षय नवमी के दिन महिलाएं पूरे विधि-विधान के साथ आंवले के पेड़ की पूजा करती हैं. आंवले पर जल-दूध चढ़ाने के बाद सिंदूर, हल्दी-चावल, फूल आदि अर्पित की जाती है. इसके साथ-साथ महिलाएं आंवला पेड़ की सात बार परिक्रमा करती है, जिसका काफी महत्व है. महिलाएं आंवले की पेड़ के नीचे बैठकर भगवान विष्णु का ध्यान करती है.

छपरा:जिले में अक्षय नवमी के अवसर पर स्थानीय मधेश्वर नाथ महादेव मन्दिर परिसर में रुद्राभिषेक किया गया. इसके साथ ही 24 घण्टे का अखण्ड अष्टयाम सम्पन्न किया गया. इस समापन अवसर पर गायक दिवाकर सिंह और वरुण कुमार उर्फ लाल बाबा ने आरती भजन प्रस्तुत कर स्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया.

देखें नवादा की रिपोर्ट.

भंडारे का किया गया आयोजन
अक्षय नवमी के अवसर पर भंडारें का भी आयोजन किया गया. वहीं अनुष्ठान के आयोजक शेखर नाथ गुप्ता ने इस मौके पर मन्दिर परिसर में फलदार पेड़ लगाकर वृक्षारोपण किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि फलदार पेड़ लगाने से आम आदमी को बहुत फायदा होता है. इस दौरान उमाशंकर ओझा, अजय सिंह, नागेन्द्र यादव, घनश्याम ओझा और हंस राज ओझा आदि अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहें.

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