नवादा: वैसे तो अनोखे गांव के बारे में आपलोग बहुत सुने होंगे. लेकिन नवादा जिले के मेसकौर प्रखंड के सीतामढ़ी का अनोखापन कुछ अलग ही है. जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर यह गांव मां जनकनंदिनी सीता की निर्वासन स्थली के तौर पर जानी जाती है. यह गांव लव-कुश के जन्मस्थली के नाम से भी विख्यात है. संभवतः यह देश का इकलौता गांव है जहां सभी जाति के दर्जनों मंदिर एक ही जगह पर इतनी बड़ी संख्या में स्थित हैं.
यहां राजवंशी ठाकुरवाड़ी में भगवान हनुमान जी की प्रतिमा है. चंद्रवंशी यानी कहार समाज के चंद्रवंशी ठाकुरवाड़ी जिसमें जरासंध सहित भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान की प्रतिमा स्थापित है. कबीर मठ रविदास समाज का मंदिर है. वैसे ही ठाकुर यानी नाई समाज का मंदिर, चौहान समाज के चौहान ठाकुरवाड़ी, कोयरी समाज का बाल्मीकि मंदिर, चौधरी यानी पासी जाति के लिए शिव मंदिर, सोनार समाज के लिए नरहरि बाबा विश्वकर्मा मंदिर, मुसहर समाज के लिए शबरी मंदिर, यादवों के लिए राधा-कृष्ण मंदिर आदि हैं. ये सभी मंदिर अपने आप में अनोखे और अकल्पनीय हैं. भले ही सभी समाज के लोगों ने अलग-अलग मंदिर बना रखें हो, लेकिन यहां की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इन सभी मंदिरों में प्रवेश को लेकर किसी पर कोई रोक-ठोक नहीं है. यहां सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं. अभी तक यहां कोई जातिगत टकराव नहीं हुआ है.