नवादा:जिले मेंनगर पंचायत और ग्रामीण क्षेत्र के सैकड़ों युवा पढ़ाई की जगह अब साइबर अपराध के माध्यम से रुपये ठगने में लगे हुए हैं. इस प्रकार की ठगी मामले में क्षेत्र के दर्जनों युवक जेल भी जा चुके हैं. लेकिन जेल से निकलने के बाद दोबारा से वे इसी कार्य में लग गए हैं. गुरुवार को स्थानीय पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. जिसके बाद पुलिस बाघी गांव के बघार से 6 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफल हुई. मौके से बड़ी संख्या में मोबाईल फोन, कई बैंको का एटीएम कार्ड, लिखित दस्तावेज, प्रिंटर, लैपटॉप बरामद कर थाने लाया गया है.
6 साइबर अपराधी गिरफ्तार
बताया जा रहा है कि वारिसलीगंज थानाध्यक्ष पवन कुमार के नेतृत्व में अपर थानाअध्यक्ष नित्यानंद शर्मा और शाहपुर थानाध्यक्ष निर्मल कुमार सिंह ने पुलिस बलों के साथ छापेमारी की. इस दौरान चकवाय पंचायत के बाघी चांदपुर गांव के बीच बघार से 6 साइबर अपराधी पुलिस के हत्थे चढ़ गए. वारिसलीगंज थानाध्यक्ष ने बताया कि कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि दोनो गांव के बीच स्थित बधार में साइबर ठगों का जमावड़ा लगता है. जहां से मासूम लोगों को इनाम देने का लालच देकर ठगने का कार्य किया जा रहा है. पुलिस ने छापेमारी में 14 मोबाइल सेट, दो प्रिंटर, एक अपाचे बाइक, एक लैपटॉप और बड़ी मात्रा में कई राज्यों में ठगों का शिकार हो चुके या होने वाले लोगों का नाम, मोबाइल नंबर और लेन-देन का ब्यौरा लिखा कागजात बरामद किया गया है.
बाघी गांव के हैं सभी गिरफ्तार साइबर अपराधी
पुलिस छापेमारी में गुरुवार पकड़ाए सभी 6 साइबर ठग वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के चकवाय पंचायत की बाघी गांव के निवासी हैं. रविंद्र प्रसाद का पुत्र राजेश कुमार, बालमुकुंद प्रसाद का पुत्र अरुण कुमार, दानी पंडित का पुत्र दिलीप कुमार, दुलार तांती का पुत्र आजाद कुमार, मनु ताती का पुत्र टिंकू कुमार, दामोदर प्रसाद का पुत्र निरंजन कुमार शामिल हैं. गिरफ्तार ठगों से पूछताछ में ठगी का लंबा नेटवर्क वारिसलीगंज में सक्रिय होने का साक्ष्य पुलिस को मिला है. पुलिस ने बताया कि छापेमारी के दौरान एक ठग बाइक लेकर फरार हो रहा था. सड़क पर पुलिस से घिरे होने के कारण खेत के रास्ते भागने लगा. इसी दौरान वह बाइक से गिर कर चोटिल हो गया. जिसका इलाज वारिसलीगंज पीएचसी में कराया गया. सभी आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी में की जा रही है.
लालच देकर बनाते थे शिकार
बता दें कि वारिसलीगंज और कतरीसराय थाना क्षेत्र के ठगों की ओर से देश के विभिन्न राज्यों के लोगों को नौकरी, पेट्रोल पंप, मोबाइल टावर, जमीन का प्लॉट, महंगी गाड़ी, कीमती मोबाइल, लॉटरी निकलने और बंद एटीएम को खोलने आदि का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी की जा रही थी. वारिसलीगंज थाना क्षेत्र समेत पड़ोसी नालंदा जिले के दर्जनों गांवो में साइबर अपराधियों का नेटवर्क दिन रात सक्रीय है. वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवो साइबर अपराधियो का सेफ जोन बन चुका है. नालंदा जिले के कतरीसराय थाना क्षेत्र से शुरू हुआ ठगी का धंधा धीरे-धीरे वारिसलीगंज के एक दर्जन से गांव में पाव पसार चुका है.