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Nalanda News : नालंदा के 12 गांव में किसान नहीं करते प्याज की खेती, जानें क्यों - Nalanda Onion Cultivation

कुछ घरों में पर्व-त्योहार के मौके पर लोग प्याज लहसुन नहीं खाते है. लेकिन ये भी सच है कि भारतीय खाने में प्याज लहसुन इतने जरूरी हैं कि इसके बिना खाना फीका लगता है. लेकिन बिहार के नालंदा जिले में 12 गांव के लोग प्याज की खेती नहीं करते हैं. ग्रामीणों की माने तो प्याज की खेती करने से उनके साथ अनहोनी हो जाती है. पढ़ें पूरी खबर

नालंदा के 12 गांव में किसान नहीं करते प्याज की खेती
नालंदा के 12 गांव में किसान नहीं करते प्याज की खेती

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Published : Mar 15, 2023, 7:52 PM IST

Updated : Mar 16, 2023, 2:36 PM IST

प्याज कराता है इस गांव में हादसे

नालंदा:कभी महंगाई के आंसू रुलाने तो कभी सरकार गिराने. प्याज ने क्या-क्या दिन नहीं दिखाए. लेकिन प्याज को लेकर बिहार के नालंदा से एक ऐसी खबर आई है जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे. बिहार के नालंदा जिले के रैतर पंचायत के 12 गांवों के लोग प्याज की खेती नहीं करते (Nalanda farmers do not cultivate onion) हैं. इसके पीछे की वजह भी अजीबोगरीब है. लोगों का मानना है कि उनके गांव पर एक बाबा का श्राप है. अगर वो प्याज की खेती करते है तो उनके साथ कोई ना कोई हादसा हो जाता है.

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नालंदा के 12 गांव में नहीं होती प्याज की खेती :नालंदा जिले के 12 गांवों में आज भी प्याज की खेती न करने की परंपरा निभाई जा रही है. ज़िले के गिरियक प्रखंड अंतर्गत रैतर पंचायत में 15 गांव व टोले आते हैं. इन 15 गांवों में से 12 गांवों में यह परंपरा सालों से निभाई जा रही हैं. यहां किसान प्याज की खेती नहीं करते हैं. कुछ लोगों ने वैज्ञानिक और चांद पर जाने की बात कह प्याज की खेती शुरू की. लेकिन जिस किसी ने भी इस परंपरा को तोड़ा उनके साथ या उनके परिवार के साथ कुछ न कुछ अनहोनी हुई. जिसके बाद उनके परिवार ने भी प्याज की खेती छोड़ दी.

''यहां कोई किसान प्याज नहीं रोप सकता है. अगर कोई रोपता है तो उसके साथ दुर्घटना हो जाता है, उसती मौत हो जाती है. बाबा की बात को अनसुना कर सालों पहले गांव के एक परिवार ने प्याज की खेती शुरू की थी. जिसके बाद उस परिवार के दो बेटों को मौत हो गई.''- कामता प्रसाद, किसान

बाबा बनौत की याद में सालों से चली आ रही ऐसी परंपरा : ग्रामीण बताते है कि सैकड़ों साल पहले एक संत बाबा बनौत गांव में आए ते. बाबा शाकाहारी थे और प्याज का सेवन नहीं करते थे. ग्रामीण बाबा को बहुत मानते थे, उनका कहा सुनते थे. एक बार बनौत बाबा ने कहा कि आसपास के गांवों में अगर कोई प्याज की खेती करेगा तो उसके साथ अनहोनी हो जाएगी.

इन गांवों के किसान नहीं करते प्याज की खेती : बनौत बाबा की बात सुन ग्रामीणों ने भी गांव में प्याज की खेती छोड़ दी. ग्रामीणों की माने तो बनौत बाबा उनके लिए भगवान थे. इस वजह से इन 12 गांवों के लोगों ने भी प्याज की खेती छोड़ दी. जिनमें रैतर गांव के अलावा धरमपुर, विशुनपुर, कालीबिगहा, दुर्गानगर, बंगाली बिगहा, शंकरपुर व जीवलाल बिगहा, भोजपुर, बेलदरिया व अन्य गांव शामिल है. हालांकि, इन सभी गांवों के लोग प्याज और लहसुन का सेवन करते हैं.

प्याज की खेती से हादसा हो जाता है :वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों ने बनौत बाबा की बातों को अनसुना किया और प्याज की खेती जारी रखी. जिस वजह से उनके घर परिवार पर विपत्ति आई या कोई अनहोनी हुई. ग्रामीण बताते है कि गांव की बेटियां भी जब शादी करके दूसरे गांव जाती है तो वे ससुराल में भी प्याज की खेती नहीं करती हैं. बता दें कि गांव के दक्षिण की ओर बाबा बनौत की समाधि स्थल है.

''बाबा बनौत ने श्राप दे दिया, जिसके बाद हम लोगों ने गांव में प्याज की खेती छोड़ दी. गांव की बेटी ब्याह कर दूसरे गांव जाती है तो वो भी खुद से प्याज की खेती नहीं करती हैं. वहीं दूसरे गांव की बेटी हमारे यहां ब्याह कर आती है तो वो भी प्याज की खेती नहीं करती हैं.''- प्रमिला देवी, ग्रामीण

ग्रामीण आज भी बाबा बनौत की पूजा करते हैं: ग्रामीण बताते है कि बाबा गांव में झोपड़ी बनाकर रहते थे. लेकिन जब बाबा की मृत्यु हुई तो वहीं पर बाबा की समाधि बनाई. इसके बाद गांव के लोग समाधि की पूजा करने लगे. आज भी बाबा बनौत की समाधि पर उनके भक्तों की भीड़ जुटती है. और बाबा की बात मान किसान आज भी उनकी परंपरा को निभा रहे हैं.

Last Updated : Mar 16, 2023, 2:36 PM IST

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