नालंदा: बिहार के नालंदा में लोदीपुर 'नरसंहार'(Massacre in Nalanda) का मामला अब सियासी तूल पकड़ चुका है. अभी भी इलाके में तनाव है. छबिलापुर थाने की पुलिस ने गांव की स्थिति को देखते हुए जवानों को गांव में तैनात रखा है. बावजूद इसके सिसायत भी जारी है.
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घटना के तीसरे दिन लोदीपुर गांव में राजद, लोजपा, बीजेपी और कांग्रेस के नेता दौरा करने पहुंचे. सभी ने मृतकों के परिजनों को मिलकर आश्वासन दिया. राजद के प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव (Shakti Singh Yadav) ने घटना को लेकर कहा है कि इस वारदात में सत्ता पक्ष के बड़े लोगों का भी हाथ है. इसकी भी जांच होना जरूरी है.
राष्ट्रीय जनता दल ने इस नरसंहार में मारे गए मृतकों के परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी और 25 लाख रुपए के मुआवजे की मांग की है. वहीं इस्लामपुर के विधायक राकेश रौशन ने कहा है कि इस घटना के बाद पूरा परिवार डरा सहमा है. प्रशासन परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए. जो लोग इस वारदात में शामिल हैं उनकी गिरफ्तारी हो और उनपर कठोर कार्रवाई की जाए.
लोजपा प्रवक्ता राम किशोर प्रसाद ऊर्फ पप्पू ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सूबे में प्रशासन नाम की कोई चीज़ नहीं रह गई है. प्रशासन आज बालू, शराब और वाहन चेकिंग में लगा हुआ है. यही कारण है कि लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह से खराब हो चुका है. प्रशासन का काम सिर्फ वसूली करना नहीं है.
दरअसल, 20 साल से 50 बीघा जमीन को लेकर विवाद चला आ रहा था. इस बार भी जमीन पर रोपनी नहीं हो सकी थी. 4 अगस्त को दोनों पक्षों में जमीन को लेकर विवाद शुरू हुआ, जिसके बाद गाली गलौज होते हुए मारपीट और गोलीबारी हुई. जिसमें एक ही गुट के 6 लोगों की मौत हो गई. मामला कोर्ट में भी चल रहा था. बॉण्ड भरा गया था कि जब तक न्यायालय के मामले का निपटारा नहीं हो जाता दोनों पक्ष खेत नहीं जोतेंगे. लेकिन इस मामले में कई लाशें गिर गईं.
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