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नालंदा शराब कांड के बाद जागा प्रशासन.. अवैध मकानों पर चस्पा किया नोटिस.. नाराज ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

नालंदा में जहरीली शराब कांड के बाद प्रशासन ने अवैध रूप से बने मकानों को नोटिस (Action of district administration in Nalanda) दिया जा रहा है. जिसके बाद नालंदा में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और लोगों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

Nalanda Liquor Case
Nalanda Liquor Case

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Published : Jan 20, 2022, 2:24 PM IST

Updated : Jan 20, 2022, 4:51 PM IST

नालंदा:बिहार के नालंदा में जहरीली शराब कांड (Nalanda Liquor Case) के बाद प्रशासन और स्थानीय लोग आमने-सामने के मूड में है. सोहसराय थाना क्षेत्र के छोटी पहाड़ी मोहल्ले और पहाड़तल्ली मोहल्ला में जहरीली शराब से 12 लोगों की मौत के बाद जहां जिला प्रशासन ताबड़तोड़ कार्रवाई में जुटा है. वहीं, इस कांड के बाद प्रशासन ने पूरी तरह से सख्ती बरतते हुए अवैध तरीके से पहाड़ी क्षेत्र में रह रहे लोगों के मकान और जमीन पर नोटिस चिपका दिया है. साथ ही उनसे मकान और जमीन संबंधित कागजात दिखाने की बात कही जा रही है. जिसके बाद सैकड़ों की संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.

पीड़ित महिलाओं ने एक सुर में कहा कि दोषी कोई और है और सजा किसी और को दी जा रही है. दोषी कुछ लोग हैं और खामियाजा पूरे मोहल्ले वासी भुगत रहे हैं. पुलिस कभी भी उनके घर आकर तलाशी शुरू कर देती है. वह घर में किस अवस्था में बैठे हुए हैं, इसका भी ख्याल पुलिस प्रशासन के द्वारा नहीं रखा जाता है. मोहल्ले वासी अपना अपना काम छोड़कर धरना प्रदर्शन में बैठे हुए हैं, क्योंकि अब उनके सामने अपने घर को बचाने की जरूरत आ पड़ी है. हम लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई करें और जो लोग पहले से यहां रह रहे हैं, उनके साथ बर्बरता ना करें.

नालंदा में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा

इस दौरान महिलाओं ने जिला प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए. स्थानीय लोगों ने कहा कि पहले तो लोग जहरीली शराब पीने के कारण मर गए और अब नगर निगम हम लोगों को मारने की कोशिश कर रहा है. नगर निगम अगर हम लोगों के घर खाली करवा देगी, तो हम गरीब इस ठंड में कैसे रहेंगे. दरअसल, शराब माफियाओं के खिलाफ 17 राजस्व पदाधिकारी जमीन के कागजातों की जांच में जुटे हैं. इसके अलावा सरकारी भूमि पर बने 50 से भी अधिक मकान के मालिकों को नोटिस दिया गया है.

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सदर एसडीओ कुमार अनुराग ने बताया कि पूरे पहाड़ी क्षेत्र का सर्वे कराना जरूरी है. ऐसे में पता चल पाएगा कि किन लोगों के पास मकान और जमीन से संबंधित कागजात हैं और कौन-कौन अवैध रूप से रह रहे हैं. भविष्य में इस तरह की कोई बड़ी घटना ना हो, इसको लेकर जिला प्रशासन के द्वारा एक कार्रवाई की जा रही है. ऐसे लोगों को सीओ के समक्ष उपस्थित होकर यह साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा कि उनका मकान सरकारी भूमि पर नहीं है. साक्ष्य के अभाव में प्रशासन ऐसे मकानों को ध्वस्त कर देगी. वहीं, इन पीड़ितों को सीपीआई नेताओं का भी साथ मिल रहा है.

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Last Updated : Jan 20, 2022, 4:51 PM IST

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