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लॉक डाउन Effect: इलाज के लिए भटकते मरीज, क्लीनिक बंद होने से बढ़ी परेशानी

लॉक डाउन की वजह से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है. कोरोना वायरस के कारण अस्पतालों में मरीजों को काफी समस्या उठानी पड़ रही है. वहीं, निजी क्लीनिक भी लॉक डाउन के कारण बंद है.

नालंदा
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Published : Mar 30, 2020, 2:13 PM IST

नालंदा: कोरोना वायरस को लेकर सरकार ने देशभर में लॉक डाउन कर दिया है. इस दौरान कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आने लगी है जो की पीड़ा देने वाली है. मरीज इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. लेकिन मरीज का इलाज नहीं हो पा रहा है. सरकारी अस्पताल में व्यवस्था नहीं है. निजी क्लिनिक पूरी तरह से शट डाउन है.

बिहार शरीफ के अस्पताल मोड़ के पास ऐसी ही एक तस्वीर देखने को मिली. जब नालंदा जिले के सारे थाना क्षेत्र के बेदौली गांव के अभ्यास कुमार अपनी पत्नी को इलाज कराने के लिए इधर-उधर भटक रहे थे. 2 माह की गर्भवती महिला की बीती रात से तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद परिजन प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक फोन किया. उनके घर तक चिकित्सक भी पहुंचे. लेकिन मामला अधिक सीरियस होने के कारण इलाज के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल लाया गया. जहां डॉक्टरों ने महिला की ब्लीडिंग अधिक होने के कारण तबीयत ज्यादा खराब हो गई. उसके बाद डॉक्टरों ने उसका इलाज संभव नहीं होना बताया.

इलाज के लिए भटकते मरीज

क्लीनिक बंद होने से बढ़ी परेशानी
इसके बाद परिजन बाइक से ही महिला को स्लाइन लगा कर निजी क्लीनिक की ओर दौड़े. लेकिन सभी निजी क्लिनिक पूरी तरह से बंद होने के कारण मरीज और परिजनों की परेशानी बढ़ गई. इसके बाद में मीडिया के माध्यम से मरीज का इलाज सदर अस्पताल में कराया गया.
हरियाणा से पहुंचा नालंदा
इसी प्रकार हरियाणा से 11 लोगों का समूह ऑटो से ही नालंदा पहुंच गया. ऑटो सवार ने बताया कि वे लोग हरियाणा में ही रहकर मजदूरी करते हैं. लॉक डाउन के कारण उन लोगों को रहने खाने की समस्या हो रही थी. जिसके कारण ऑटो से ही वे लोग अपने घर के लिए निकल पड़े और 2 दिन 2 रात चलने के बाद सोमवार को बिहार शरीफ पहुंचे. कुछ लोग रास्ते में उतर गए. वहीं, कुछ लोग महमदपुर अस्थावा जाना था. बता दें कि बिहार में कोरोना वायरस के 15 पॉजिटिव मामले पाए गए हैं. जिसमें की मौत हो गई है.

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