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Padma Awards 2023 : नालंदा के कपिल देव प्रसाद को पद्मश्री, सूबे का बढ़ाया मान - बावन बूटी हथकरघा बुनकर कला

नालंदा के कपिल देव प्रसाद को बावन बूटी हथकरघा बुनकर कला (कपड़ा) के क्षेत्र में पद्म श्री (Padma Awards 2023) से नवाजा जाएगा. इससे बिहार के लोगों में खुशी की लहर है. कपिल देव करीब 6 दशक से बुनकरी से जुड़े हैं. उनके दादा शनिचर तांती ने इसकी शुरुआत की थी. फिर पिता हरि तांती ने इस सिलसिले को आगे बढ़ाया. जब 15 साल के थे तब बुनकरी को रोजगार बनाया.

कपिल देव प्रसाद
कपिल देव प्रसाद

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Published : Jan 25, 2023, 10:55 PM IST

Updated : Jan 25, 2023, 11:06 PM IST

नालंदा : राष्ट्रपति ने 2023 के लिए 3 युगल मामलों सहित 106 पद्म पुरस्कारों को प्रदान करने की मंजूरी दी है. सूची में 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्मश्री शामिल हैं. 19 पुरस्कार विजेता महिलाएं हैं. सूची में विदेशी/NRI/PIO/OCI की श्रेणी के 2 और 7 लोगों को मरणोपरांत पुरस्कार दिया जाएगा. नालंदा के कपिल देव प्रसाद को बावन बूटी हथकरघा बुनकर कला (कपड़ा) के क्षेत्र में पद्म श्री से नवाजा जाएगा.

इसे भी पढ़ेंः Padma Shri Award 2023: बिहार के तीन शख्सियतों के नाम पद्मश्री पुरस्कार.. कला, शिक्षा और साहित्य का परचम

कपिल देव प्रसाद को पद्मश्री.

राज्य का बढ़ाया मानः नालंदा जिला का बसवन बीघा गांव बुनकर के क्षेत्र में काफी फेमस है. यहां निर्मित बाबन बुटी साड़ी, पर्दा, चादर, नैपकिन और मैट देश ही नहीं विदेशों में भी अपना परचम लहरा चुका है. यहां के पर्दे भारत के राष्ट्रपति निवास की भी शोभा बढ़ा चुके हैं. कपिलदेव प्रसाद को पद्म श्री से नवाजा जाएगा जिससे जिले में काफी खुशी है. बिहार के लोग काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

कपिल देव प्रसाद.

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानितः वर्ष 2019 में कपिल देव प्रसाद का चयन भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया था. उस वक्त Etv bharat ने कपिलदेव प्रसाद से लंबी बातचीत की थी. कपिल देव प्रसाद ने बताया था कि कैसे उन्होंने इस कला को सीखा. अब उनकी कौन मदद कर रहा है. उस बातचीत को नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं.

तैयार कपड़ा.

इसे भी पढ़ेंःनालंदा: राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए कपिल देव प्रसाद का चयन, 15 वर्ष की आयु से कर रहे बुनकर का काम

6 दशक से बुनकरी से जुड़े हैंः कपिलदेव प्रसाद करीब 6 दशक से बुनकरी से जुड़े हैं. उनके दादा शनिचर तांती ने इसकी शुरुआत की थी. फिर पिता हरि तांती ने इस हुनर को आगे बढ़ाया. जब वे 15 साल के थे, तब बुनकरी को रोजगार बनाया. अब उनका बेटा सूर्यदेव सहयोग करता है. 70 के दशक में बिहार शरीफ स्थित नवरत्न महल में सरकारी बुनकर स्कूल खुला था. यह स्कूल हाफ टाइम था. जहां नियमित पढ़ाई जारी रखते हुए बच्चे बुनकरी का इल्म सीख जाते थे. 1963 से 65 तक यहीं बुनकरी सीखी. 1990 में स्कूल बंद हो गया.

नीतीश ने दी बधाईःमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी की सुभद्रा देवी को कला के क्षेत्र में, नालंदा के कपिल देव प्रसाद को कला के क्षेत्र में और पटना के आनंद कुमार को शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्म श्री सम्मान मिलने की घोषणा पर अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं.

Last Updated : Jan 25, 2023, 11:06 PM IST

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