नालंदा: जिले से कोरोना वायरस संक्रमित कुल 6 मरीज मिले हैं. इसके बाद से नालंदा में स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर है. कोरोना से लड़ाई को लेकर नालंदा में किये गये प्रयास काफी कारगर साबित हो रहे हैं. यही कारण है नालंदा मॉडल की तारीफ हो रही है.
दरअसल, नालंदा में स्क्रीनिंग का काम पल्स पोलियों की तर्ज पर चलाया जा रहा है. जिले में विदेशों से आये और कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद तीन किलोमीटर की परिधि में सभी गांव और घरों में कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की खोज आरंभ की गयी है.
महज 7 दिन और कोरोना पर जीत
सूबे की सरकार और जिला प्रशासन ने कोरोना को काबू करने के लिए तीन ऐसे चक्रव्यूह तैयार किए, जिससे महज सात दिनों में जिले को कोरोना वायरस फ्री किया जा सकता है. चलिये जानते हैं कोरोना की जंग में कैसे जीत सकता है नालंदा मॉडल के बारे में...
बनाईं गईं कुल 1459 टीमें
नालंदा में कुल 2 हजार 200 लोगों की एक टीम तैयार की गई है. जो जिले के सभी लोगों के बारे में घर घर जाकर जानकारी कलेक्ट करेगी. इस टीम में आंगनबाड़ी सेविकाओं और आशा कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया गया है.
एक नजर जिले पर
कुल घर: 5 लाख 89 हजार 922
कुल आबादी: 34 लाख 8 हजार 640
ऐसे में बनाईं गईं टीमें गांव-गांव प्रचार और घर-घर तलाश की जाएगी. कोरोना को हराने के लिए घर-घर दस्तक देंगी. साथ ही एक रिपोर्ट तैयार करेंगी.
एक नजर टीम पर
- कुल टीम : 1459 (आंगनबाड़ी, आशा)
- निगरानी हेतु पर्यवेक्षक : 543
- कुल-584 चिकित्सक, 2334 आंगनबाड़ी और आशा कार्यक्रताओं को नियुक्त किया गया है.
ये टीमें प्रति दिन शाम को रिपोर्ट करेगी अपने-अपने सुपरवाइजर को रिपोर्ट करेंगी.