नालंदाः बिहार के नालंदा के अमित कुमार ने एयर फोर्स मार्क्समैन चैंपियनशिप (Air Force Marksman Championship) में बाजी मारी है. बिहारशरीफ शहर के अंबेर-टिकुलीपर मोहल्ला निवासी अमित कुमार दरभंगा में वायुसेना स्टेशन में सार्जेंट पद पर कार्यरत हैं. हिंडन वायुसेना स्टेशन में आठ से 11 अगस्त तक एयर फोर्स मार्क्समैन चैंपियनशिप 2023 प्रतियोगिता हुई. इसमें देशभर से 56 जवान शामिल हुए थे.
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गोल्ड व सिल्वर मेडल मिलाः अमित ने 150 अंक में 149 स्कोर किया. इसके लिए उन्हें गोल्ड व सिल्वर मेडल दिया गया. इस प्रतियोगिता में वायुसेना के सातों कमानों के साथ-साथ वायुसेना मुख्यालय की टीमों ने बेहतर प्रदर्शन किया. उन्होंने मध्य वायु कमान टीम की तरफ से खेलते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. इस सफलता पर उनके पिता दिनेश प्रसाद, माता विमला देवी, पुष्पांजलि सिन्हा, विक्रम कुमार, प्रदीप कुमार व अन्य ने बधाई दी और गौरांवित महसूस कर रहे हैं.
एयरफोर्स की नौकरी कर गरीबी दूर कीः इस दौरान अमित कुमार ने बताया वह बेहद गरीब परिवार से थे, पिता दिनेश प्रसाद किसान और मां विमला देवी गृहिणी हैं. उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा सोगरा हाई स्कूल से 2003 में पास आउट किया है. स्कूलिंग के दौरान एनसीसी ज्वाइन किया. उसके बाद नालंदा कॉलेज से 2005 में इंटरमीडिएट की पढ़ाई की. उसी दौरान उनका एयरफोर्स में ज्वाइनिंग हुआ. उसके बाद घर की माली हालात ठीक हुई.
युवाओं को मेहनत करने की अपीलः लगातार विभागीय प्रतियोगिता में शामिल हुए और इसके अलावा भी कई पदक जीत चुके हैं. उन्होंने आगे यह भी बताया कि जो भी जूनियर्स इस फ़ील्ड में आना चाहते हैं तो सबसे पहले उन्हें एक लक्ष्य रखने के साथ कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. कड़ी मेहनत से सफलता जरूर मिलेगी.
"2003 में प्राथमिक स्कूल से पढ़ाई के बाद अमित ने NCC ज्वाइन किया. नालंदा कॉलेज से 2005 में इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद एयरफोर्स में नौकरी हुई. शुरू से ही शूटिंग का उसको शौक था, लेकिन गरीबी के कारण यह सपना अधूरा था. आज यह सपना पूरा हो गया."- दिनेश प्रसाद, अमित के पिता
पिता ने जताई खुशीः अमित के पिता ने बताया कि अमित को शुरू से शूटिंग का शौक था. उस वक्त हमारे पास गन थे, लेकिन गोली नहीं थी. घर की माली हालात भी ठीक नहीं थी, जिस वजह से पूरा नहीं हो सका. बेटे को एनसीसी ज्वाइन करने को कहा और आज अपने मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल किया है. इस बात की हमें और पूरे परिवार को खुशी है. और आगे भी ऐसे ही दूसरे के बच्चों के लिए दुआ और मेहनत करने को कहता हूं.