नालंदा: जदयू कोटे से राजगीर के विधायक रहे रवि ज्योति कुमार ने टिकट कटने पर कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए ईमानदारी से काम किया था. इसके बदले में पार्टी ने उनसे बेवफाई की और उनको पार्टी से बाहर निकाल दिया. उन्होंने बताया कि 2015 के चुनाव में उन्होंने महागठबंधन के उम्मीदवार को तौर पर चुनाव लड़ा था.
रवि ज्योति ने आगे बताया कि विधानसभा क्षेत्र की जनता के भारी दबाव में वे इस बार के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. उन्होंने अपनी जीत का दावा करते हुए प्रदेश में महागठबंधन की सरकार बनाने की बात भी कही.
'भ्रष्टाचारी लोगों के कारण कटा टिकट'
टिकट कटने से आहत रवि ज्योति ने कहा कि जेडीयू के अंदर कुछ भ्रष्टाचारी और दलाल लोगों को प्रदुर्भाव हो चुका है. इस वजह से उनका टिकट काटा गया. उन्होंने बताया कि पार्टी को उन्होंने नहीं छोड़ा था. बल्कि पार्टी ने उनको छोड़ दिया था. उन्होंने बताया कि इस बार राजगीर विधानसभा क्षेत्र से महागठबंधन के घटक दलों में से एक कांग्रेस ने उनपर भरोसा जताया है.
रवि ज्योति ने आगे कहा कि भ्रष्टाचार और दलाली के खिलाफ वे हमेशा से जंग लड़ते रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी. अपने 5 साल के कार्यकाल के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि विधायक फंड और मुख्यमंत्री शहरी क्षेत्र विकास योजना मद का राशि का उपयोग उन्होंने इलाके के विकास के लिए पूरे पारदर्शी तरीके से किया था.
तीन चरणों में चुनाव
बता दें कि बिहार विधानसभा के 243 सीट के लिए तीन चरणों में मतदान होने हैं. मतदान 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को होगा. जबकि, मतों की गणना 10 नवंबर को होगी. पहले चरण के चुनाव में 16 जिले के 71 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे, जबकि 3 नवंबर को दूसरे चरण के लिए 17 जिले के 94 सीट और 7 नवंबर को तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर मतदान होगा.