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नालंदा : मनरेगा के तहत 471 मजदूरों को मिला काम, स्किल्ड प्रवासियों के लिए भी होगी व्यवस्था - क्वॉरेंटाइन सेंटर

नालंदा में बाहर से लौटे मजदूरों को अब रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. 471 मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया गया है.

प्रवासी
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Published : May 20, 2020, 10:36 PM IST

Updated : May 20, 2020, 11:50 PM IST

नालंदा: प्रवासी मजदूरों को रोजगार देना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. वहीं, नालंदा जिला प्रशासन के द्वारा प्रवासियों को काम देने की दिशा में पहल शुरू कर दी गई है. अब तक 471 प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया जा चुका है. स्किल्ड प्रवासी मजदूरों के लिए अलग से व्यवस्था की बात कही गई है.

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अब तक 17 हजार प्रवासी पहुंचे

नालंदा के उप विकास आयुक्त राकेश कुमार ने बताया कि जिले में अब तक करीब 17 हजार प्रवासी श्रमिक पहुंच चुके हैं, जिन्हें विभिन्न प्रखंड या पंचायत स्तर पर बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है. इनमें अब तक 14 दिनों की क्वॉरेंटाइन अवधि पूरा करने वाले 1538 प्रवासी को सेंटर से घर भी भेजा जा चुका है.

471 प्रवासियों को रोजगार

उन्होंने बताया कि अकुशल श्रमिकों को मनरेगा के तहत रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने का काम शुरू किया गया है. क्वॉरेंटाइन सेंटर से विरमित हो चुके 471 लोगों को विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है. कार्य करने के इच्छुक करीब 700 प्रवासियों का जॉब कार्ड बनाया गया है. इसके अलावा अन्य प्रवासियों का जॉब कार्ड बनाने का सिलसिला जारी है.

मनरेगा के तहत काम

नालंदा में नरेगा के तहत पैन, आहर, निजी पोखर, सार्वजनिक तालाब, सोखता आदि का निर्माण कार्य किया जा रहा है. इन योजनाओं में अधिक से अधिक बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि नालंदा जिले में 15 जून तक करीब 10 लाख मैन डेज सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से अब तक करीब 3 लाख मैन डेज सृजित किया जा चुका है.

Last Updated : May 20, 2020, 11:50 PM IST

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