नालंदाः अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में प्रत्येक 3 वर्षों पर लगने वाला मलमास आज से प्रारंभ हो गया है. राजगीर के तीर्थ पुरोहितों की ओर से ध्वजारोहण कर देवी- देवताओं का आह्वान किया गया. जिसके बाद मलमास की शुरुआत हुई. कहा जाता है कि मलमास के एक माह तक सनातन धर्म के सभी देवी-देवताओं का राजगीर में वास होता है. इसलिए सभी जगहों पर पूजा पाठ बंद हो जाता है और एक माह तक राजगीर में आकर लोग पूजा-पाठ करते हैं.
नालंदा में ध्वजारोहण के साथ शुरू हुआ मलमास
मलमास के एक माह तक राजगीर में मेला का आयोजन किया जाता रहा है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण मेला को रद्द कर दिया गया. जिसके कारण लोगों में मायूसी भी देखी गई. बावजूद इसके तीर्थ पुरोहितों की ओर से मलमास के दौरान देवी-देवताओं का आह्वान किया गया.
आज से प्रारंभ मलमास
मलमास के एक माह तक राजगीर में मेला का आयोजन किया जाता रहा है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण मेला को रद्द कर दिया गया. जिसके कारण लोगों में मायूसी भी देखी गई. बावजूद इसके तीर्थ पुरोहितों की ओर से मलमास के दौरान देवी-देवताओं का आह्वान किया गया. हिंदू धर्म के अनुसार वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूजा पाठ कर 33 करोड़ देवी-देवताओं का आह्वान किया गया.
कुंड स्नान कर पुण्य की प्राप्ति
इस मौके पर उपस्थित राजगीर के विधायक रवि ज्योति कुमार ने कहा कि यह एक पवित्र महीना होता है. जिसमें राजगीर में देवी देवताओं का आगमन रहता है. इस एक माह के दौरान राजगीर में लोग कुंड स्नान कर पुण्य की प्राप्ति करते हैं. लेकिन कोरोना वायरस के कारण कुंड स्नान पर रोक है. उन्होंने कहा कि भगवान से कामना किया गया कि भारत सुपर पावर बने.