नालंदा: कोरोना काल में वीरायतन संस्थान में काम कर रहे 20 कर्मचारियों को प्रबंधन ने सेवा से हटा दिया. हालांकि, बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग के अपर सचिव सुधीर कुमार ने यह आदेश दिया था कि कोरोना काल में विभिन्न संस्थानों में संविदा और आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे लोगों को लॉकडाउन अवधि का वेतन देना होगा.
पीएम मोदी को लिखा पत्र
कर्मचारियों के पक्ष में वीरायतन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष परमेश्वर प्रसाद ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. ऐसा लग रहा है कि कोरोना को बहाना बनाकर संस्थान स्थायी कर्मचारियों को हटाना चाहती है. कर्मियों को ऐसी हालत में हटाना श्रम विभाग के आदेश का उल्लंघन है. उन्होंने प्रधानमंत्री से हटाये गये कर्मियों को वापस सेवा में लेने और अप्रैल महीने में कटौती की गयी राशि का भुगतान करवाने की मांग की. ये कर्मचारी यहां से हटाये जाने के बाद सड़क पर आ गये हैं.
संस्थान पर कोरोना का असर
वीरायतन संस्थान के प्रबंधक अंजनी कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी का असर संस्थान पर पड़ा है. अस्पताल कब तक शुरू होगा कहना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि जिन कर्मियों को हटाया गया है, उन्हें कानूनी तौर पर निर्धारित मुआवजा दिया गया है. कर्मियों के खाते में 25 जुलाई को वह पैसा क्रेडिट कर दिया गया है. कर्मियों को मार्च, अप्रैल, मई और 24 जून तक का वेतन दिया गया है. वहीं, छंटनी किये गये कर्मियों को एक माह का अलग से सैलरी भी दिया गया है.इसके अलावा वैधानिक रूप से अगर कोई बकाया निकलता है तो उन कर्मियों को वह भी दिया जायेगा.