नालंदाः बिहार के फुलवारीशरीफ थाना क्षेत्र में अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पीएफआई (PFI) की गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर गिरफ्तारी के बाद उनके पास कई दस्तावेज मिले हैं. दस्तावेज की जांच करते हुए पुलिस ने इस मामले में कई और लोगों को आरोपी बनाया है, जिनके तार नालंदा मुख्यालय के बिहारशरीफ से जुड़े हैं. देश विरोधी साजिश रचने में नालंदा के सोहसराय थाना क्षेत्र (Sohsarai police station) के मोहम्मद वसीमउद्दीन के पुत्र शमीम अख्तर का नाम भी सामने आया है. जिसके बाद आईबी की स्पेशल टीम (IB Investigation in Nalanda) ने शमीम के घर पर पहुंचकर जांच भी की. हालांकि शमीम की गिरफ्तारी नहीं हो सकी, क्योंकि वो घर पर मौजूद नहीं था.
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एसडीपीआई का प्रदेश अध्यक्ष है शमीमःइससे पूर्व विधानसभा चुनाव के दौरान भी शमीम का नाम काफी सुर्खियों में रहा था. कई बार सरकार के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शनों में उसकी अहम भूमिका रहती थी. वर्तमान में वह एसडीपीआई का प्रदेश अध्यक्ष है. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. सूत्रों की मानें तो आईबी के स्पेशल टीम जांच में जुटी हुई है और शमीम की गिरफ्तारी के बाद ही मामले का खुलासा हो पाएगा. हालांकि शमीम के घर वाले और मोहल्ले के लोग इस मामले पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं और ना ही कोई वीडियो बनाने दे रहे हैं. शमीम के कागजी मोहल्ले में रहने वालों का कहना है कि एक की गलती की सजा हमलोग क्यों भुगते. हमारा उससे कोई लेना-देना नहीं है.
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमले मामले में भी जुड़े थे तारः बता दें कि कुछ साल पहले बिहारशरीफ के कागजी मोहल्ले से एक संदिग्ध आतंकी संगठन के सक्रिय सदस्य को आईबी की टीम ने गिरफ्तार किया था. इसके पूर्व अमेरिका में 2011 सितंबर में हुए वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन टावर पर हुए आतंकी हमले का भी तार बिहार शरीफ से जोड़ा गया था, क्योंकि गिरफ्तार आरोपी का पासपोर्ट बिहारशरीफ के एक साइबर कैफे से नकली दस्तावेज के आधार पर बनाया गया था.
26 लोगों पर दर्ज हुई है FIR: आईबी की जांच में पता चला है कि देश विरोधी साजिश रचने वाले पटना के फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार अतहर परवेज और जलालुद्दीन के अलावा 24 और संदिग्ध हैं जो लोगों को बरगलाने का काम करते थे. उनमें पहला नाम शमीम अख्तर का ही है. जिन 26 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनमें शमीम अख्तर के अलावा रियाज मॉरिफ, सनाउल्लाह, तौसिफ, महबूब आलम, एहसान परवेज, मो. सलमान, मो. रसलान (सचिव, बिहार-बंगाल क्षेत्रीय समिति PFI), महबूब-ऊर-रहमान, इम्तियाज दाऊद, महबूब अलम, खलीकुर जमा, मो. अमीन आलम (टीचर ट्रेनिंग कॉलेज गोनपुरा फुलवारीशरीफ के कर्मचारी), जिशान अहमद, रियाज अहमद, मंजर परवेज, नुरुद्दीन जंगी ऊर्फ एडवोकेट नुरुद्दीन, मो. रियाज (PFI का राष्ट्रीय नेता), मो. अंसारुल हक (मिथिलांचल यूनिट का निदेशक प्रभारी), मंजहरुल इस्लाम, अब्दुर्रहमान, मो. मुस्तकिन, अरमान मलिक, परवेज आलम (राज्य कमेटी सदस्य PFI मिथिलांचल), शामिल हैं, जो समय समय पर फुलवारीशरीफ आकर ब्रेनवॉश करते थे और भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करते थे.
पीएफआई के दस्तावेज, बैनर पोस्टर बरामदः वहीं, इस मामले में गिरफ्तार अतहर परवेज और जलालुद्दीन से पुलिस की अलग अलग टीमें पूछताछ में जुटी हैं. उनके पास से पीएफआई के दस्तावेज, बैनर पोस्टर बरामद हुए हैं. साक्ष्य के आधार पर अन्य लोगों पर भी कार्रवाई होगी. ये लोग PFI का दफ्तर क्यों संचालित कर रहे थे. कौन कौन से लोग यहां जुटते थे, इन सभी बिंदू पर पूछताछ की जा रही है. इनपर देश के विरूद्ध अपराध करना. कम्युनिटी के बीच वैमनस्य फैलाना, शत्रुता फैलाना, षड्यंत्र करना इस तरह की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है. पुलिस की टीम पूरे मामले की बारिकी से जांच में जुटी है.
प्रशिक्षण देते थे गिरफ्त में आए आरोपी: बताया जाता है कि ये दोनों भोले-भाले युवकों को देश विरोधी संगठन में जोड़ने और उन्हें ट्रेनिंग देने का काम भी किया करते थे. इनके यहां केरल, पश्चिम बंगाल, यूपी, तमिलनाडु सहित कई राज्यों के छात्र प्रशिक्षण के लिए आ रहे थे. हालांकि मिल रही जानकारी के अनुसार गिरफ्तार अतहर का भाई मंजर पटना में हुए बम ब्लास्ट जैसे आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है. पटना पुलिस के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार युवकों से पूछताछ में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इनके तार पाकिस्तान सहित अन्य देशों से जुड़ा तो नहीं है? पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के लिए NIA की टीम पटना पहुंच चुकी है.
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पीएम के पटना दौरे से पहले हुई थी गिरफ्तारी: आपको बता दें कि 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह आगमन से पहले ही 11 जुलाई की शाम 7:30 बजे फुलवारी शरीफ में अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया था. ये लोग दो महीने से पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे. FIR में दर्ज बयान के आधार पर ये कहा गया है कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. पिछली 6-7 जुलाई को भी इन लोगों ने गुप्त मीटिंग की थी जिसमें अनजान लोगों का आना जाना हुआ था. यानी दोनों की साजिश के तार काफी गहरे दिख रहे हैं. प्रधानमंत्री आगमन को लेकर आईबी के अलर्ट के बाद IB द्वारा मिली रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था. NIA अब सभी आरोपियों का चिट्ठा जांच में खंगालेगी.