नालंदा: बिहार के नालंदा सदर अस्पताल की बड़ी लापरवाही (negligence of nalanda district hospital) के चलते एक प्रसूता महिला की जिंदगी चौपट कर दी. आरोप है कि नालंदा जिला अस्पताल के लैब टेक्नीशियन की लापरवाही के चलते प्रसूता महिला को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाया (HIV infected blood transfused to woman) गया. इस मामले में सिविल सर्जन ने जांच टीम का गठन किया है.
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बिहार शरीफ सदर अस्पताल की ये लापरवाही तब सामने आई जब एक महिला अपने पति के साथ प्रसव कराने के लिए अस्पताल में भर्ती हुई थी. डॉक्टरों ने डिलिवरी के लिए आई महिला को HIV संक्रमित खून चढ़ा दिया. दरअसल इस वाकये के कुछ दिन पहले राजेश (बदला हुआ नाम) के पत्नी को खून की जरूरत थी. राजेश ने ब्लड बैंक से संपर्क किया. राजेश ने अपना खून दान देकर दूसरे ब्लड को अपनी पत्नी को चढ़वा दिया.
राजेश द्वारा डोनेट किए गए ब्लड को डिलिवरी के लिए आई एक दूसरी महिला को चढ़ा दिया गया. डिलिवरी के बाद वह महिला घर चली गई. एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने का मामला तब सामने आया जब ब्लड डोनर राजेश ने खुद को HIV संक्रमित बताया. राजेश सदर अस्पताल में HIV पॉजिटिव की दवा लेने के लिए आया हुआ था.
जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन हरकत में आया. इस मामले की जांच शुरू हो गई कि आखिर लापरवाही किस स्तर पर और कहां हुई. नालंदा सिविल सर्जन डॉक्टर सुनील कुमार ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है. उन्होंने कहा कि ये गंभीर मामला है. जांच रिपोर्ट आते ही दोषी कर्मी के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इधर, ब्लड बैंक प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राम कुमार का कहना है कि डोनर ने अपने आप को एचआईवी पॉजिटिव होने की बात छिपा ली. अगर लंबे दिनों से एचआईवी पीड़ित मरीज ड्रग्स ले रहा हो तो उसका बॉडी वायरल लोड कम हो जाता है जिससे स्क्रीनिंग टेस्ट कभी कभी पॉजिटिव नहीं आ पाता. ब्लड बैंक प्रभारी का ये बयान काफी चिंताजनक है. फिलहाल जिस भी कारण से ये गलती हुई, इसने एक परिवार की ज़िंदगी तबाह कर दी. गड़बड़ी कैसे हुई और किसने की इसका पता जांच के बाद लग जाएगा.
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