नालंदा: बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के सैकड़ों सदस्यों ने वेतन की मांग को लेकर जिले के सिविल सर्जन के समक्ष धरना दिया. उनका कहना था कि वेतन नहीं तो काम नहीं. सैकड़ों स्वास्थ्य कर्मियों ने मंगलवार को साप्ताहिक बैठक एवं अन्य सरकारी कार्यों का बहिष्कार करते हुए सिविल सर्जन, नालंदा के समक्ष धरना दिया. धरना का संचालन बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष बृजनंदन प्रसाद ने किया.
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कोरोना वारियर का दर्जा देने और फूल बरसाने से नहीं भरता पेट
धरना में शामिल महिला कर्मचारियों ने कहा कि हमें 8 माह से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. स्वास्थ्य कर्मचारियों को सिर्फ कोरोना वारियर का दर्जा देने और फूल बरसाने से पेट नहीं भर सकता. प्रतिमाह समय पर वेतन का भुगतान करने से पेट भरता है. वेतन के अभाव में हमलोग मजबूरी में कर्ज लेकर दो वक्त की रोटी, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, मकान का किराया आदि आवश्यक कार्य कर रहे हैं. जब तक प्रशासन नालंदा जिले के स्वास्थ्य कर्मियों के लिए इस मद में पर्याप्त आवंटन नहीं करता है, हमारा संघर्ष जारी रहेगा.