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नालंदा: बाढ़ से बेघर हुए लोगों ने हाईवे पर ली शरण, सरकारी सहायता का इंतजार - दर्जनों गांव पूरी तरह से जलमग्न

जिले के सुदूरवर्ती बिंद प्रखंड के दर्जनों गांव पूरी तरह से जलमग्न है. गांव में पानी घुस जाने के कारण लोगों को सड़कों पर रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण तंबू लगा कर सड़क पर रहने के लिए मजबूर हैं.

सड़क पर आशियाना बना रह रहे बाढ़ पीड़ित

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Published : Oct 1, 2019, 11:43 PM IST

नालंदा: जले में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. इस कारण लोग अपना घर छोड़कर सड़क के किनारे रहने को मजबूर हो गए हैं. नालंदा में भी बाढ़ का विकराल रूप देखने को मिल रहा है. कई स्थानों पर बाढ़ के कारण अभी भी जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. खासकर ग्रामीण इलाकों में हालात अभी भी बेकाबू हैं.

सड़क पर आशियाना बना रह रहे बाढ़ पीड़ित

सड़क पर रहने को मजबूर हैं लोग
जिले के सुदूरवर्ती बिंद प्रखंड के दर्जनों गांव पूरी तरह से जलमग्न है. गांव में पानी घुस जाने के कारण लोगों को सड़कों पर रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण तंबू लगा कर सड़क पर रह रहे हैं. सरमेरा बिहटा मुख्य मार्ग पर सोनसिकरा गांव के पास सैकड़ों लोग अपने परिवार के साथ सड़क पर रह रहे हैं. ग्रामीणों ने अपने मवेशियों को भी सड़क पर रखा हैं.

बाढ़ के कहर की मार झेल रहे स्थानीय

अनाज वितरण में गड़बड़ी का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि बिंद प्रखण्ड के जमसारी, गाजीपुर उत्तरथू, कतराई पंचायत पूरी तरह से बाढ़ से ग्रसित है. इन पंचायतों के सभी गांव बाढ़ की वजह से पूरी तरह से डूब चुके हैं. गावों में पहले माले के सभी मकान पूरी तरह पानी में डूब गए हैं. जिसके बाद पूरा गांव टापू मे तब्दील हो गया है. बाढ़ पीड़ितों कहते हैं कि प्रशासनिक स्तर पर सिर्फ पॉलिथीन दी गयी है. कई जगहों पर अनाज का भी वितरण किया गया है, लेकिन इसके वितरण में कई जगहों पर खामियां भी देखने को मिल रही है. बाढ़ पीड़ितों की तरफ से प्रशासन पर अनाज वितरण में गड़बड़ी करने का आरोप भी लगाया गया है.

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