नालंदा:बिहार सरकार स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाए जाने का दावा करती है. लेकिन दूसरी ओर आए दिन इलाज के अभाव में मरीज दम तोड़ते नजर आ रहे हैं. ताजा मामला सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला मुख्यालय बिहराशरीफ का है. जहां कुत्ते के काटे जाने के बाद बीमार हुए व्यक्ति ने सिस्टम के आगे बेबस होकर दम तोड़ दिया.
नालंदा: बिहार की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की भेंट चढ़ा मरीज, इलाज के अभाव में मौत - बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था
बिहार की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण नालंदा में एक मरीज की जान चली गई. इलाज के अभाव में मरीज की मौत के बाद परिजनों में मातम का माहौल है.
![नालंदा: बिहार की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की भेंट चढ़ा मरीज, इलाज के अभाव में मौत इलाज के अभाव में मौत](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-8109998-831-8109998-1595314429712.jpg)
बताया जाता है कि सिलाव प्रखण्ड के अकौना गांव के रहने वाले बिंदेश्वर महतो के 35 वर्षीय पुत्र हृदेश कुमार बहन को ससुराल पहुंचाने उत्तर प्रदेश गया. जहां लॉकडाउन हो जाने के दौरान वह वहीं रुक गया. इसी बीच एक दिन उसे कुत्ते ने काट लिया. जिसे उसने हल्के में लिया. अनलॉक में जब वह वापस अपने गांव लौटा तो उसकी तबियत खराब होने लगी. इसके लिए इलाज शुरू हुआ.
बिहारशरीफ अस्पताल में तोड़ा दम
निजी क्लीनिक में सही इलाज नहीं हो पाने के कारण उसे बिहराशरीफ सदर अस्पताल, पावापुरी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. जहां इलाज के बजाय डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया. आनन-फानन में परिजन उसे लेकर पटना के पीएमसीएच, एम्स सहित अन्य अस्पतालों में गए लेकिन कहीं इलाज के लिये जगह नहीं मिली. जिसके बाद वे फिर से बिहराशरीफ सदर अस्पताल आये. जहां से फिर उसे पटना के दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया. लेकिन जब तक मरीज को दूसरे अस्पताल ले जाया जाता तब तक मरीज की मौत हो गई.