नालंदा/लखीसराय/खगड़िया: राज्य में कई जगहों पर बाढ़ तो कई जगहों पर सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इससे फसलों को काफी नुकसान हो रहा है और किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसको देखते हुए सीपीआई ने विभिन्न जगहों पर धरना प्रदर्शन किया.
बारिश के अभाव में फसलों को नुकसान
नालंदा के किसानों को बारिश नहीं होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बारिश के अभाव में फसलों को काफी नुकसान हुआ है, धान रोपनी भी सही तरीके से नहीं हो पाई है. इसको लेकर सीपीआई ने बुधवार को बिहारशरीफ में धरना दिया और जिले के सभी प्रखंड के पंचायतों को सुखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की. सरकार ने यहां के 12 प्रखंड के 75 पंचायतों को ही सुखाड़ क्षेत्र घोषित किया है.
12 सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन
लखीसराय बाढ़ और सुखाड़ दोनों से प्रभावित है. सीपीआई ने यहां 12 सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि राहत कार्यों में तेजी, पीड़ित किसानों को मुआवजा, अतिक्रमित नहरों और पोखरों को मुक्त और शत-प्रतिशत अनुदान पर किसानों को निजी नलकूप दिया जाए और सरकार अगर मांगों को नहीं मानती है तो ये आंदोलन पटना और दिल्ली के लिए कूच करेगा.
'खगड़िया के साथ सरकार का सौतेला व्यवहार'
23 सूत्री मांगों को लेकर खगड़िया में सीपीआई राज्य सचिव और पूर्व विधायक सत्यनारायण सिंह के नेतृत्व में सीपीआई कार्यकताओं ने जुलूस प्रदर्शन करते हुए जिला कार्यालय के बाहर धरना दिया. सीपीआई जिला सचिव प्रभाकर प्रसाद सिंह ने कहा कि जिले में पहले सुखाड़ की स्थिति थी और अब यह बाढ़ से ग्रसित है, लेकिन सरकार खगड़िया के साथ लगातार सौतेला व्यवहार कर रही है. इस साल सुखाड़ का दंश झेलने के बाद भी इसे सुखाग्रस्त घोषित नहीं किया गया. अब यह बाढ़ की दंश झेल रहा है फिर भी सरकार को इसकी कोई सुध नहीं है.