नालंदा:शराबबंदी (Prohibition of Liquor) के बावजूद बिहार में शराब की तस्करी (Liquor Smuggling) पर रोक नहीं लग पाई है. आए दिनजहरीली शराब (Poisonous Liquor) से लोगों की मौतें हो रही हैं. प्रशासन के तमाम दावे फेल हो रहे हैं. अब तो सरकार के मुखिया ने भी मान लिया है कि कितना भी कुछ करिए, बाएं-दाएं गड़बड़ करने वाला तो होता ही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने ये भी कहा कि कभी-कभी तो इधर-उधर कर बाएं-दाएं करते हुए नकली (शराब) लेकर चला भी जाता है.
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राजगीर के बिहार पुलिस अकादमी में पुलिस अवर निरीक्षक के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महिलाओं की मांग पर हमने 2015 में शराबबंदी का ऐलान किया था. जब सरकार में वापस आए तो एक अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी कानून को लागू किया गया था. महिलाओं की इच्छा और उनकी मांग पर हमने ये बड़ा फैसला किया था.
सीएम ने कहा कि शराब की तस्करी रोकने के लिए सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है. लगातार छापेमारी की जा रही है, इसी का नतीजा है कि रोज इसमें शामिल लोग गिरफ्तार किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कितना भी कुछ करिए, बाएं-दाएं गड़बड़ करने वाला तो होता ही है.
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नीतीश कुमार ने कहा कि ये कितनी बड़ी बात है, इससे माहौल कितना खराब होता है, कितने लोग इधर-उधर होते हैं. कभी-कभी जो इधर-उधर कर बाएं-दाएं करते हुए नकली भी लेकर चला भी जाता है. ऐसे में हमें लोगों को इस बारे में समझाना होगा, ताकि शराब पर पूरी तरह से रोक लग सके.
'कितना भी कुछ करिए, बाएं-दाएं गड़बड़ करने वाला तो होता ही है. रोज कुछ लोग पकड़ा रहे हैं. कभी-कभी जो इधर-उधर कर बाएं-दाएं करते हुए नकली भी लेकर चला भी जाता है'- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
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इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम सब आसपास नजर रखेंगे तो ऐसा नहीं है कि गड़बड़ी करने वालों के बारे में पता नहीं चलेगा. गांव में कौन क्या कर रहा है, इसके बारे में जानकारी होती है. लिहाजा सभी लोगों से अपील करता हूं कि अगर गड़बड़ी करने वालों के बारे में सही जानकारी पुलिस-प्रशासन को दी जाए तो वैसे लोगों के खिलाफ समय रहते कार्रवाई की जाएगी.
बिहार के अलग-अलग जिलों में आए दिन जहरीली शराब पीने से लोगों की जानें जा रही हैं. बुधवार को भी वैशाली जिले के जुड़ावनपुर थाना क्षेत्र के चकसिंगार पंचायत स्थित दलित बस्ती में 3 लोगों की जहरीली शराब से मौत हो गई. इसी साल जुलाई महीने में बेतिया में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की जान चली गई थी. जबकि अप्रैल महीने में नवादा में कुल 17 लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई थी. विपक्ष लगातार शराबबंदी कानून को लेकर सरकार पर सवाल उठाता रहा है.