नई दिल्ली:देशभर में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पहले केवल जामताड़ा ऐसे साइबर फ्रॉड ( Cyber Fraud ) करने वालों का ठिकाना था, लेकिन धीरे-धीरे साइबर ठग अपने पैर पसार रहे हैं. पिछले कुछ समय में बिहार का नालंदा ( Nalanda ) साइबर ठगों का एक बड़ा अड्डा बन गया है. यहां से क्राइम ब्रांच ने कई गैंग पकड़े भी हैं. इसके अलावा मेवात भी साइबर ठगों का नया हॉट स्पॉट बनता जा रहा है.
क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि देशभर में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पहले इस तरह की जालसाजी के जितने अपराध होते थे, उनका केंद्र जामताड़ा ही होता था. वहां के साइबर ठग न केवल वारदात करते थे बल्कि साइबर ठग तैयार करने के लिए कोचिंग सेंटर भी चलाते थे. साइबर ठगी के जरिये होने वाली मोटी कमाई के चलते अब साइबर ठग केवल जामताड़ा तक सीमित नहीं रह गए हैं. वह लगातार अपने पैर पसारते हुए अलग-अलग राज्यों से ऑपरेट करने लगे हैं. इसके साथ ही वह समय-समय पर ठगी का तरीका भी बदलते रहते हैं.
संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि कोविड महामारी की पीक के दौरान राजधानी में लोगों से साइबर ठगी की काफी वारदातें हुई थीं. कुछ लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर ठगा गया तो कुछ लोगों से रेमेडेसीवर दवा के नाम पर ठगी हुई. ऐसे मामलों को लेकर जब क्राइम ब्रांच ने छानबीन की तो पता चला कि अधिकांश गैंग बिहार के नालंदा से ऑपरेट कर रहे हैं.
आलोक कुमार ने बताया कि ऐसे कई गैंग नालंदा से क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किए हैं. ऐसा ही एक गैंग छोटू चौधरी का था. उसके गैंग में 100 से ज्यादा सदस्य थे. वह न केवल साइबर ठगी करता था बल्कि साइबर ठग तैयार करने के लिए कोचिंग सेंटर भी चलाता था. इस गैंग में किसी को कॉल करने की जिम्मेदारी मिली थी तो किसी को बैंक खाता उपलब्ध करवाने की. कोई एटीएम से रुपये निकालता था तो कोई सोशल मीडिया पर ठगी के लिए अपने नंबर वायरल करता था.