नालंदा: बदलते मौसम का असर मौसमी फलों के साथ लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. जिससे इंसान अपने स्वास्थ्य लाभ के लिए कई उपाय करते हैं. आज एक ऐसे ही फल के बारे में बताने और दिखाने जा रहे हैं जिसका कोई नुकसान नहीं होता और इसके फायदे अनेक हैं. मतलब यह सेहत के लिए रामबाण है. इस रामबाण फल का नाम काला अमरूद है. बिहार के लोगों को इस बार नई वैरायटी के अमरूद का स्वाद चखने को मिलेगा. अब नालंदा में अमेरिकी प्रजाति के काले अमरूद की खेती शुरू की गई है.
तीन भाइयों ने मिलकर शुरू की काले अमरूद की खेती: काले अमरूद स्वाद के साथ सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद है. इस अमरूद की खेती नालंदा के चंडी प्रखंड अंतर्गत ढकनिया गांव निवासी मुकेश सिंह, नीतीश सिंह और राम कुमार सिंह मिलकर कर रहे हैं. तीनों भाईयों ने मिलकर तीन एकड़ में कुंदन वाटिका लगाई है. इस वाटिका में कई प्रकार के फलदार, औषधीय और फूल के पौधे लगाए गए हैं. ये सभी शुरू से ही पर्यावरणविद हैं और नए तरीके के फलदार पौधे लगाते हैं.
25 हजार की लागत से शुरू की खेती: मुकेश ने बताया कि उनके मामा सुरेंद्र सिंह पर्यावरणविद थे और उन्होंने सोशल मीडिया से अलग-अलग वैरायटी के फलदार पौधे और फूल लगाने की जानकारी मिली. इसके बाद 20 से 25 हजार खर्च कर ऑनलाइन बंगलुरू से 10 फलदार पौधे मंगवाये गए. इस काले अमरूद के पेड़ से दो सीजन में फल आ चुके हैं, जो स्वाद के साथ त्वचा के लिए काफी लाभदायक है. सभी पेड़ को मिलाकर एक से डेढ़ क्विंटल अमरूद का इस बार उत्पादन हुआ है. जिसे खुद भी खाया और आस-पड़ोस में गांव के लोगों को भी खिलाया है.
"एक पेड़ से सीजन में 30 से 40 किलो के करीब अमरूद प्राप्त होता है. जिसमें एक अमरूद का वजन 250 से 300 ग्राम तक रहता है. बाजार में इसे 150 से लेकर 200 रूपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाता है. वहीं काले अमरूद की खेती उत्तर प्रदेश और बिहार के भागलपुर क्षेत्र में अधिक मात्रा में होती है."-मुकेश कुमार, पर्यावरणविद
जानें काले अमरूद के फायदे:नालंदा के नूरसराय हॉर्टिकल्चर कॉलेज की फ्रूट्स एक्सपर्ट डॉ. प्रीति सिंहा बताती हैं कि "यह काला अमरूद औषधीय गुणों से भरपूर होता है. जो शरीर में पोषक तत्वों की कमी को दूर करता है. इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है. किसान अगर काले अमरूद की खेती भारत में करना चाहते हैं तो यहां की मिट्टी और जलवायु दोनों अमरूद की खेती के लिए किसानों के उपयुक्त है."