मुजफ्फरपुर: बिहार में मार्च महीने में ही तापमान के 40 डिग्री के आसपास पहुंच जाने के कारण इस साल लीची के फसल पर संकट (Weather Effect On Litchi Crop In Muzaffarpur) के बादल मंडराने लगे हैं. इस साल हालांकि लीची के पेड़ों पर भरपूर मंजर आया है. मार्च में अचानक तापमान में तेजी से वृद्धि होने के कारण उद्यान मालिकों और इस व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों की चिंता बढ़ने लगी है. उन्हें मंजर झड़ने का डर सताने लगा है.
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लीची के फसल पर संकट:मुजफ्फरपुर जिले के सकरा के रहने वाले और किसान श्री पुरस्कार से सम्मानित एस के दुबे कहते हैं कि मार्च में तापमान बढ़ते हुए दिन में 35 डिग्री सेल्सियस को पार कर 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है. इससे न केवल लीची को बल्कि आम की पैदावार भी प्रभावित होगी. उन्होंने कहा कि पिछले साल अधिक जलजमाव रहने के कारण लीची में मंजर कम लगे थे, इस साल मौसम अनुकूल होने के कारण भरपूर मंजर लगा है लेकिन मार्च में लगातार तापमान में हो रही है, वृद्धि से मंजर के झड़ने की आशंका है.
किसानों को घबराने की जरूरत नहीं: इधर, कुछ किसानों का मानना है कि अभी तक जो तापमान है उससे किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है. किसान को बगान में नमी बरकरार रखने की जरूरत है. मंजर पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. मुजफ्फरपुर स्थित राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक शेषधर पांडेय भी मानते हैं कि तापमान में वृद्धि लीची के मंजरों के लिए नुकसान हो सकता है. उन्होंने आईएएनएस को बताया कि फिलहाल डरने की बात नहीं है. किसान लीची में बगीचों में नमी रखकर मंजर को बचा सकते हैं. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि 10 से 15 दिनों के अंदर तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा, तब परेशानी बढ़ जाएगी.