मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित आरडीजेएम मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के लिए हुए विवाद में पूर्व मंत्री रह चुके बीजेपी नेता सुरेश शर्मा (FIR On BJP Leader Suresh Sharma) और बेटा राजीव समेत कुल 6 लोगों के विरूद्ध पटना एसडीजेएम न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है. इन आरोपियों पर रंगदारी, धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और ब्लैकमेल का भी आरोप है.
Muzaffarpur News: बीजेपी नेता सुरेश शर्मा समेत 6 लोगों पर धोखाधड़ी का आरोप, गैरजमानती वारंट जारी - RDJM Medical College and Hospital
पूर्व मंत्री सह बीजेपी नेता सुरेश शर्मा और उनके बेटे समेत कई लोगों पर आरडीजेएम मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के लिए हुए विवाद में एफआईआर के बाद गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. इस मामले में एसडीजेएम कोर्ट में पहले एफआईआर दर्ज की गई. तभी पूर्व मंत्री ने जिला न्यायालय में जमानत की अर्जी लगाई. वहां से अर्जी को रद्द करने के बाद कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. पढे़ं पूरी खबर...
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पूर्व मंत्री समेत कई पर मामला दर्ज: इस मामले में पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा, उनके बेटे राजीव के अलावे उनके नजदीकी मनीष, मनोज समेत लड्डू और आलोक को भी आरोपी बनाया है. रविवार को जेएमआईएसएच पटना के सदस्य नवल किशोर प्रसाद सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि इस मामले की सुनवाई होने के बाद ही कोर्ट ने सभी आरोपियों के विरुद्ध संज्ञान लेते हुए धारा 406, 420, समेत कई और धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. उस मामले में कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश भी दिया गया था. जबकि उस आदेश के बाद सुरेश शर्मा एवं अन्य ने जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत की याचिका दी थी.
कॉलेज अध्यक्ष ने कराया मामला दर्ज: वहीं मेडिकल कॉलेज की संस्थापक जागेश्वरी मेमोरियल इंस्टीच्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग की अध्यक्ष डॉ. मनीषा ने भी जिला न्यायालय में पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा समेत अन्य के खिलाफ असंवैधानिक तरीके से बलपूर्वक नियंत्रण करने का अनाधिकृत पत्र भेजकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करवाई हैं.
आरोपियों पर गैर जमानती वारंट जारी:इसके बावजूद जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आरोप गंभीर मामला मानते हुए 22 फरवरी को याचिका खारिज कर एक महीने के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया था. इस आदेश का पालन नहीं किए जाने के पर दो दिन पहले ही न्यायालय ने सभी आरोपियों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिया. इस मामले में जिला न्यायालय ने आदेश की कॉपी एसएसपी को भी भेज दी है.