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वायरल फीवर का कहर: SKMCH में 24 घंटे में 48 बच्चे हुए भर्ती, PICU वार्ड फुल - viral fever cases in skmch

मुजफ्फरपुर में बदलते मौसम के साथ वायरल फीवर के अधिक मामले सामने आ रहे हैं. जिससे अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ लग रही है. डॉक्टरों का कहना है कि इस वायरल फीवर से बच्चे ज्यादा बीमार हो रहे हैं. बच्चों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. क्योंकि इसका असर कोरोना से मिलता-जुलता है.

एसकेएमसीएच
एसकेएमसीएच

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Published : Sep 6, 2021, 5:23 PM IST

मुजफ्फरपुरः जिले में वायरल फीवर (Viral Fever) का कहर तेज हो चुका है. 24 घंटे में एसकेएमसीएच (SKMCH) में 48 बच्चों को भर्ती कराया गया है. पीकू वार्ड के सभी बेड बच्चों से भरे हैं. बता दें कि जिले में बाढ़ के कहर के बीच अब वायरल फीवर भी कहर ढाने लगा है. बड़ी संख्या में छोटे बच्चे वायरल फीवर के चपेट में आ रहे हैं.

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जिले में इस वायरल फीवर के कहर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सिर्फ एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभाग और पीकू वार्ड में बीते चौबीस घंटे में 48 से अधिक बच्चे भर्ती हुए हैं. जिसमें से करीब 30 से अधिक बच्चे गंभीर हालत में पीकू वार्ड में भर्ती हैं. फिलहाल SKMCH के चाइल्ड वार्ड में बीते एक सप्ताह में वायरल फीवर से पीड़ित 130 से अधिक बच्चे भर्ती हुए हैं.

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'मौसम फलक्चुएट होने के कारण इसके मामलों में तेजी आई है. इसमें छोटे बच्चे ज्यादा चपेट में आ रहे हैं. उन्हें 100 से लेकर 103-4 तक फीवर हो जा रहे हैं. साथ ही सांस फूलने की समस्या भी आ रही है.'-डॉ. गोपाल शंकर साहनी, उपाधीक्षक, एसकेएमसीएच

वायरल फीवर के कहर को लेकर शिशु रोग के विभागाध्यक्ष और एसकेएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि इस बार हालात काफी भयावह है. पिछले तीन-चार दिनों से भीषण उमस भरी गर्मी की वजह से इस मामले में काफी तेजी आई है. जहां बड़ी संख्या में बच्चे कोल्ड, कफ, हाई फीवर और सांस लेने की समस्या से जूझ रहे हैं.

वायरल फीवर से संक्रमित बच्चो में दो से छह माह के बच्चों की संख्या सबसे अधिक है. डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि वायरल फीवर का प्रभाव सभी पर पड़ रहा है. लेकिन सबसे ज्यादा इसका प्रभाव छोटे बच्चों पर है.

डॉ गोपाल शंकर ने कहा कि जिस तरह का मौसम चल रहा है, उसमें बच्चों पर अभिभावकों के द्वारा विशेष ध्यान देने की जरूरत है. skmch उपाधीक्षक की मानें तो खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. साथ ही कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने की नसीहत भी दी गई है. क्योकि इस वायरल फीवर का लक्षण भी कोरोना से मिलता जुलता ही है.

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