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VIP से कुढ़नी में निलाभ कुमार होंगे उम्मीदवार, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने की घोषणा

निलाभ कुमार वीआईपी के टिकट पर कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में मैदान में उतरेंगे. वीआईपी के कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में मैदान में आने के बाद मुकाबला दिलचस्प हो गया है. वहीं उम्मीदवार के आधिकारिक घोषणा के साथ लड़ाई त्रिकोणीय होने की संभावना है.

वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने की घोषणा
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने की घोषणा

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Published : Nov 15, 2022, 9:34 PM IST

पटना: बिहार की कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव की घोषणा (By Election In Kurhani Assembly) हो चुकी है. वीआईपी की ओर से इस हॉट सीट पर निलाभ कुमार को उम्मीदवार बनाए (Nilabh Kumar VIP candidate From Kurhani ) जाने की घोषणा की. वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने पार्टी का सिंबोल निलाभ कुमार को सौंप दिया है. वे कुढ़नी विधानसभा की इस सीट पर जदयू के मनोज कुशवाहा और बीजेपी ने उम्मीदवार केदार गुप्ता को चुनौती देंगे. निलाभ के मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.

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कौन हैं निलाभ कुमारः वीआईपी से टिकट की रेस में निलाभ कुमार कुढ़नी विधानसभा सीट पर कई बार विधायक रहे साधु शरण शाही के पोते हैं. वे 2018 से भूमिहार ब्राहमण एकता मंच के संस्थापक सदस्य और राष्ट्रीय प्रवक्ता रह चुके हैं. निलाभ के दादा साधु शरण शाही 1969, 1972 और 1977 में इस क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं. उनकी पहचान क्षेत्र में एक कद्दावर नेता के रूप में रह चुकी है. वीआईपी से कुढ़नी में निलाभ कुमार की घोषणा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी (VIP chief Mukesh Sahni) की ओर से किये जाने के साथ कुढ़नी का मुकाबला दिलचस्प हो गया.

कुढ़नी के उम्मीदवारों का गणितः इस सीट पर जदयू के तरफ से मनोज कुशवाहा उम्मीदवार हैं वहीं बीजेपी की ओर से केदार गुप्ता को एक बार फिर से मौका दिया है. दोनों तरफ से जीत के दावे हो रहे हैं. मनोज कुशवाहा कुढ़नी से पहले भी तीन बार विधायक रह चुके हैं. वहीं केदार गुप्ता बीजेपी की तरफ से 2015 में चुनाव जीते थे. उस समय भी नीतीश कुमार महागठबंधन में थे. 2020 में भी केदार गुप्ता को ही बीजेपी ने टिकट दिया था. लेकिन, आरजेडी के अनिल सहनी से चुनाव हार गए. अब अनिल सहनी की सदस्यता समाप्त होने के बाद यहां उप चुनाव हो रहा है. आरजेडी के पूर्व विधायक अनिल सहनी पर 31 अक्टूबर 2013 को सीबीआई ने केस किया था. कोर्ट ने सजा सुनाई उसके बाद यह सीट खाली हुई है.महागठबंधन के साथ 7 दलों की एकजुटता है. वहीं भाजपा को एनडीए के घटन दलों के साथ चिराग पासवान की पार्टी एलजेपीआर का भी समर्थन है.

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