डीजीपी से पुलिस की शिकायत करने पहुंचा पीड़ित मुजफ्फरपुर:बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी (Bihar DGP RS Bhatti) मुजफ्फरपुर स्थित आईजी कार्लायलय में रेंज के सभी पुलिस करप्तानों के साथ अपराध नियंत्रण को लेकर बैठक कर रहे थे, तभी एक पीड़ित ने पुलिस के तमाम दावों की पोल खोल कर रख दी. मामला जिले के सदर थाना से जुड़ा है. जहां कांड दर्ज करने के नाम पर थाना के दलालों के द्वारा मिलकर पदाधिकारी पुलिस की वर्दी को दागदार कर दिया.
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पुलिस पर पैसा ठगी का आरोप: घटना के संबंध में बताया जाता है कि सदर थाना क्षेत्र के भगवानपुर देवा रोड पर रोशन कुमार नाम के युवक के घर शादी समारोह था. शादी की खरीदारी करने वाह जिले के करजा थाना क्षेत्र से मुजफ्फरपुर पहुंचा था. उसी दौरान बदमाशों ने खरीदारी किया गया सोना उड़ा लिया. इस मामले को लेकर सदर थाना में कार्यरत सब इंस्पेक्टर कुमारी संवेदना ने संवेदनहीनता का परिचय देते हुए थाना के दलाल के सहारे कार्रवाई के नाम पर पीड़ित परिवार से 4200 रुपये लिया.
आईजी कार्यालय पहुंचा पीड़ित: इतना ही नहीं केस करने और कार्रवाई करने के नाम पर पैसा उगाही के बाद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और पीड़ित व्यक्ति को बदले में डांट फटकार मिलने लगी. बीते कई दिनों से लगातार पुलिस के वरीय अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाकर थक गया था, लेकिन किसी ने नहीं सुनी. अचानक जब रौशन को यह पता चला कि बिहार के डीजीपी मुजफ्फरपुर में रेंज के सभी पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक करने वाले हैं. तभी आनन-फानन में सपरिवार मुजफ्फरपुर आईजी कार्यालय पहुंच गया और हाथ में बैनर पोस्टर लगाकर आईजी कार्यालय के बाहर खड़े हो गए और डीजीपी साहब का बाहर निकलने का इंतजार करने लगे. जिसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस पदाधिकारियों की सांसे अटक गई कि कहीं डीजीपी ना कार्रवाई कर दें.
आरोपी के खिलाफ होगी जांच: नगर डीएसपी राघव दयाल ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद करने की बात कहते हुए कहा कि आरोपित सब इंस्पेक्टर कुमारी संवेदना के खिलाफ जांच बैठाई गई है. अगर दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी. लेकिन सवाल उठता है कि साहब इतने दिनों से आपकी यह तत्परता कहां थी. जब पीड़ित परिवार दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर था. अगर पीड़ित सीधे-सीधे बिहार पुलिस के मुखिया के दर नहीं जाता है तो क्या बिहार पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करेगी.
पुलिस पदाधिकारी ने दिया न्याय का भरोसा: मुजफ्फरपुर पुलिस के इस कार्यशैली से फिर एक बार बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर पीड़ित को न्याय दिलाने में पुलिस इतनी शिथिलता क्यों बरतती है. या यूं कहें कि जब तक बड़े हाकीमों का डर नहीं हो, कनीय अधिकारी के कान पर जूं तक नहीं रेंगता है. अब देखना दिलचस्प होगा कि मुजफ्फरपुर के नगर डीएसपी राघव दयाल द्वारा सदर थाना के सब इंस्पेक्टर कुमारी संवेदना के खिलाफ जांच कराने की बात कह कर टालमटोल कर दिया जाता है या फिर कुछ कार्रवाई होती है.
पीड़ित परिवार की जगी उम्मीदें: पीड़ित परिवार को अब भी भरोसा नहीं है. महज थोड़ी उम्मीद जरूर जगी है. अब पुलिस के लिए यह चुनौती है कि अपने थाना स्तर के कनीय अधिकारी पर क्या कुछ एक्शन ले पाती है और पीड़ित को क्या सही में न्याय दिला पाती है. यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. फिलहाल डीजीपी के डर से ही सही जो हुआ हो, पीड़ित को भरोसा ही सही लेकिन उम्मीद थोड़ी जरूर जग गई है.