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यहां फूल नहीं पत्थर चढ़ाते हैं श्रद्धालु, भगवान को प्रसन्न करने के लिए 11, 21 या 51 ढेले मारने की परंपरा

Muzaffarpur Dhelmara Pilgrimage: मुजफ्फरपुर में एक ऐसा मंदिर है, जिसकी परंपरा सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. इस मंदिर में भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए ढेला या पत्थर मारते हैं. श्रद्धालु ऐसा तब करते हैं, जब उनकी मानी हुई कोई मन्नत पूरी हो जाती है. पढ़ें पूरी खबर..

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Muzaffarpur Dhelmara Pilgrimage

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 16, 2024, 11:17 AM IST

Updated : Jan 16, 2024, 11:31 AM IST

मुजफ्फरपुर का अनोखा तीर्थ स्थल

मुजफ्फरपुरःबिहार के मुजफ्फरपुर में एक मंदिर पर फूल की जगह पत्थर चढ़ाए जाते हैं. भगवान को प्रसन्न करने के लिए भक्त मंदिर पर पत्थर मारकर मन्नत मांगते हैं और मन्नत पूरी होने पर 11, 21 या 51 पत्थर या ढेला मारते हैं. यह अनोखी परंपरा पूर्वजों के समय से चली आ रही है. हम बात कर रहे हैं मुजफ्फरपुर जिले में स्तिथ 'ढेलमारा तीर्थ स्थल' की, जहां पत्थर या ढेला मारने की परंपरा सालों से है.

मुजफ्फरपुर का अनोखा तीर्थ स्थलः यह मंदिर 'ढेलमारा तीर्थ स्थल' के नाम से प्रसिद्ध है. यहां श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर काफी दूर-दूर से आते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है. यह तीर्थस्थल मुजफ्फरपुर मुख्यालय से 50 किलोमीटर की दूरी पर कटरा के जजुआर गांव में स्थित है. इस रास्ते से गुजरने वाले राहगीर एक बार सिर जरूर झुका लेते हैं.

मंदिर पर पहुंचा भक्त

ढेलमरा गोसाई के नाम से प्रसिद्धः ग्रामीण शैलेंद्र पासवान ने बताया कि ढेलमरा गोसाई के नाम से प्रसिद्ध है. ऐसा माना जाता है कि ढेला मारने से लोगों की मनोकामना पूर्ण होती है. लोगों का इस पर काफी विश्वास है. शैलेंद्र पासवान कहते हैं-'मेरी उम्र 36 वर्ष हो गई. हमारे पूर्वजों के समय से ऐसी मान्यता है. श्रद्धालु काफी दूर-दूर से यहां पूजा करने आते हैं'.

'प्रसाद की जगह पत्थरचढ़ाते हैं श्रद्धालु': वहीं स्थानीय पंचायत जजुआर के मुखिया सुमन नाथ ठाकुर ने बताया कि वर्षों से हम लोग देखते आ रहे हैं कि यह स्थल ढेलमारा तीर्थ स्थल के नाम से प्रसिद्ध है. यहां श्रद्धालु प्रसाद की जगह ढेला मारते हैं. पूर्वजों के समय से ही यह प्रथा चली आ रही है. ऐसी मान्यता है कि 11, 21 या 51 ढेला मारने की मन्नत मांगी जाती है. मन्नत पूरी होने के बाद लोगों मन्नत के मुताबिक ढेला मरते हैं.

मंदिर पर चढ़ाए गए पत्थर

"गांव के लोगों में इस तीर्थ स्थल पर काफी आस्था है. ढेलमारा गोसाई के नाम से प्रसिद्ध है. आम तौर पर भी लोग प्रसाद के रूप में ढेला मरते हैं, यहां दूसरे जगह से आने वाले लोग ये देख या सुनकर कभी-कभी हैरान भी हो जाते हैं"- सुमन नाथ ठाकुर, मुखिया, जजुआर पंचायत

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Last Updated : Jan 16, 2024, 11:31 AM IST

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