मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर चतुर्भुज स्थान की महिलाएं जो किसी की दुल्हन नहीं बन सकी, लेकिन आज कई सुहागिनों के लिए खोइछा बना रही हैं. मुजफ्फरपुर के रेड लाइट एरिया की महिलाओं ने समूह बनाकर स्टार्टअप शुरू किया है. इसके माध्यम से सुहागिनों के लिए रंग बिरंगी खोइछा और कपड़े तैयार कर रही हैं. कतरन से बनी डिजाइनर खोइछा बाजार में खूब बिक रही हैं.
मुजफ्फरपुर रेड लाइट की महिलाओं ने किया स्टार्टअपः महिलाओं ने अपना एक समूह 'जुगनू रेडीमेड गारमेंट' बनाया है, जिसमें वह डिजाइनदार खोइछा और महिलाओं का पसंदीदा सामान बना रही हैं. समूह की सचिव शमीमा खातून हैं. उन्होंने बताया कि इसमें 20 महिलाएं शामिल हैं. यहां की इच्छुक लड़कियां को खोइछा से लेकर तमाम सिलाई का हुनर सिखाया जाता है. इस समूह से कई महिलाएं अपनी बच्ची को भेजती है ताकि हुनरमंद बनकर इस दलदल से निकल कर अच्छी जिंदगी जी सके.
आसपास के जिलों में खोइछा की मांगःशमीमा बताती हैं कि बाजार में जो खोइछा बिकती है, वह थोड़ी मंहगी होती है. उन्होंने कहा कि हम सभी महिलाओं ने मिलकर प्लान बनाया कि हम खोइंछा को डिजाइन दे सकते हैं. शुरुआत में बड़े कपड़े की सिलाई के बाद बचे कपड़ों के कतरन से हमने इसे बनाना शुरू किया था, जिससे लोगों ने खूब पसंद किया. अब यहां बने खोइंछे की मांग आसपास के जिलों में होने लगी है.
दलदल से निकलना चाहती हैं महिलाएंः शमीमा ने बताया कि रोजी रोटी का दूसरा रास्ता नहीं है. लोग मोहल्ले को गलत नजर से देखते हैं. यहां की बेटियां इस दलदल से निकल कर काम करने के लिए इच्छुक है, लेकिन उन्हें अवसर नही मिल रहा है. इसी को देखते हुए हमने एक समूह बनाया है. इसी समूह के माध्यम से अब हमलोग काम कर रहे हैं. अभी काम में और बढ़ोतरी करनी है. आसपास के मोहल्ले से कतरन जमा किया जाता है और उससे डिजाइनदार, कुर्ती, पोटली समेत अन्य सामान बनाते हैं.