मुजफ्फरपुर: बिहार में बूढ़ी गंडक (Budhi Gandak) सहित कई नदियों के जल-स्तर में कमी के बाद भी बाढ़ (Bihar Flood) के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है. बूढ़ी गंडक नदी के अभी भी खतरे के निशान (Danger Signs of River) से ऊपर होने के कारण अभी भी नदी के मुख्य सुरक्षा बांध (Main Safety Dam) पर पानी का काफी दबाव बना हुआ है.
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पानी के दबाव के कारण मुजफ्फरपुर जिले के कांटी और मीनापुर प्रखंड के पांच जगहों से बूढ़ी गंडक नदी के मुख्य सुरक्षा बांध में कटाव और रिसाव हो चुका है. वहीं अब मीनापुर और मोतीपुर प्रखंड के सीमा पर स्थित मोरसंडी पंचायत में नदी के तेज कटाव से सुरक्षा बांध पर काफी दबाव बन गया है. जहां कटाव को रोकने और बांध को बचाने के लिए जल संसाधन विभाग ने युद्धस्तर पर प्रयास शुरू किया है. ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर बांध पर हो रहे कटाव का जायजा लिया.
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बूढ़ी गंडक नदी के भारी दबाव के कारण मोरसंडी पंचायत के मठिया गांव में हालत सबसे अधिक खराब हैं. यहां पर पिछले दो दिनों में गांव के चार घर नदी के तेज कटाव से पानी में समाहित हो चुके हैं जबकि गांव के एक दर्जन से अधिक पेड़ भी कटाव के दायरे में आने से पानी में गिर चुके हैं.
नदी के तेज कटाव को देखते हुए अब नदी के सुरक्षा बांध पर भी कटाव का खतरा बेहद बढ़ गया है. जिसको बचाने को लिए अब जल संसाधन की टीम यहां कैंप कर कटाव निरोधी काम को अंजाम दे रही है. नदी के तेज कटाव में अपना घर खोने वाले ग्रामीणों में जिला प्रशासन के प्रति काफी गुस्सा दिख रहा है.