मुजफ्फरपुरःवैश्विक महामारी कोरोना काल में हर वर्ग के लोग प्रभावित हुए. लेकिन पूरे कोरोना काल में मूर्तिकारों की आजीविका पर काफी असर पड़ा. सार्वजनिक पूजा समारोहों के आयोजन पर लगे प्रतिबंध की वजह से अभी भी मूर्तिकारों की मूर्तियां नहीं बिकीं. जिससे उनकी आजीविका पर संकट खड़ा हो गया. विश्वकर्मा और दुर्गापूजा में कारोबार बिल्कुल ठप रहा वहीं अब इन्हें सरस्वती पूजा पर कारोबार होने की उम्मीद जग रही है. लेकिन सरकार की तरफ से दिशा-निर्देश नहीं जारी होने से मूर्तिकार पशोपेश में हैं.
मूर्तिकारों के सामने भूखमरी का संकट
गणेश पूजा, दुर्गा पूजा, विश्वकर्मा पूजा के बाद अब सरस्वती पूजा पर भी कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. देवी-देवताओं की प्रतिमा बनाकर अपने परिवार का जीवन-यापन करने वाले शिल्पकार अब कर्ज में डूब गए हैं जिससे उनकी रोजी-रोटी पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है. मार्च से ही किसी भी त्योहार को सार्वजनिक रूप से नहीं मनाया गया. जिससे बाजार में मूर्तियों की बिक्री नहीं हुई. ऐसे में लाखों का कारोबार करने वाले मूर्तिकार के सामने भूखमरी का संकट खड़ा हो गया है.