मुजफ्फरपुर: रेलवे की ओर से एक अनोखी पहल की गयी है. मुजफ्फरपुर जंक्शन से आनंद विहार तक जाने वाली सप्तक्रांति एक्सप्रेस बुधवार को पहली बार एलएचबी कोच से सुसज्जित होकर रवाना हुई. इस ट्रेन की हर बोगी में गांधी के महात्मा बनने तक की झलक दर्शायी गई है. स्वतंत्रता सेनानी राम संजीवन ठाकुर ने हरी झंडी दिखाकर मुजफ्फरपुर जंक्शन से ट्रेन को रवाना किया.
मुजफ्फरपुर: महात्मा गांधी के जीवन की झलकों के साथ सप्तक्रांति एक्सप्रेस दिल्ली रवाना - 150वीं जयंती पर उनके जीवनवृत्त की झलक
ट्रेन में गांधी की 150वीं जयंती पर उनके जीवन की झलक है. हर बोगी में गांधी के इतिहास और बचपन से लेकर दक्षिण अफ्रीका तक के सफर की शुरुआत को दिखाया गया है.
ट्रेन में 24 की जगह 22 कोच लगेंगे
ट्रेन में गांधी की 150वीं जयंती पर उनके जीवन की झलक है. हर बोगी में गांधी के इतिहास और बचपन से लेकर दक्षिण अफ्रीका तक के सफर की शुरुआत को दिखाया गया है. हर तीन दिन बाद मुजफ्फरपुर से चलने वाली इस ट्रेन में अब 24 की जगह 22 कोच लगेंगे. एलएचबी कोच की औसत स्पीड 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. जबकि आईसीएफ कोच की स्पीड 140 किलोमीटर प्रति घंटा तक ही होती है.
स्टेनलेस स्टील के है एलएचबी कोच केडिब्बे
एलएचबी कोच के डिब्बे स्टेनलेस स्टील के बने होते हैं, जबकि आईसीएफ कोच माइल्ड स्टील के बने होते हैं. एलएचबी कोच में डिस्क ब्रेक सिस्टम होता है जिससे ट्रेन को जल्दी रोका जा सकता है. वहीं दूसरी ओर आईसीएफ कोच में एयर ब्रेक और ट्रेड ब्रेक सिस्टम होता है. जिससे पूरी रफ्तार में दौड़ रही ट्रेन को रोकने में ज्यादा वक्त लगता है.