मुजफ्फरपुर:राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के बाद खाली हुई सीट बोचहां विधानसभा (Bochaha Assembly Seat By Election) क्षेत्र को लेकर भावी प्रत्याशियों की 'छीनाझपटी' के बाद तस्वीर साफ हो गई है. वैसे, इस उपचुनाव में राजग में दरार पैदा होने और नेताओं के दल बदलने से सुर भी बदलते दिखने लगे हैं. शुरूआती दौर में यह सीट उतनी महत्वपूर्ण और जटिल नहीं दिख रही थी, लेकिन समय के आगे बढ़ने के बाद यह सीट सभी दलों प्रतिष्ठा की सीट बन गई है.
बोचहां को लेकर बदला दल तो सुर भी बदलने लगा.. 'छीनाझपटी' के बाद तस्वीर अब साफ
वीआईपी के विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के बाद खाली हुई बोचहां विधानसभा सीट को लेकर 'छीनाझपटी' के बाद अब तस्वीर साफ हो पाई है. मुकेश सहनी ने इस सीट पर गीता कुमारी को प्रत्याशी बनाया है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट....
वीआईपी के खाते में थी बोचहां सीट: जहां से राजग के प्रत्याशी मुसाफिर पासवान की जीत हुई थी. वीआईपी इसे सिटिंग सीट मानकर दावेदारी प्रारंभ कर दी. वीआईपी यहां से पूर्व विधायक मुसाफिर पासवान के पुत्र अमर पासवान को चुनावी मैदान में उतारने की योजना बना ली थी. वीआईपी और बीजेपी के बीच यूपी चुनाव के दौरान तकरार बढ़ती रही और बीजेपी के कई नेताओं ने बोचहा से बीजेपी के प्रत्याशी उतारने की बात करने लगे. इसी बीच बीजेपी ने पूर्व विधायक बेबी कुमारी के उम्मीदवारी की घोषणा कर सबको सकते में डाल दिया. घोषणा के साथ ही वीआईपी और बीजेपी के बीच कटुता और बढ़ती दिखाई देने लगी. वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने अपने लोगों के बीच मुसाफिर पासवान के पुत्र अमर पासवान को बतौर उम्मीदवार उतारने का ऐलान तक कर दिया.
इस दौरान राजग से मुकेश सहनी (Mukesh Sahni VIP Chief) की बढ़ती दूरी का एहसास कर अमर पासवान ने वीआईपी से दूरी बना ली. राजद इस मौके का फायदा उठाते हुए अमर को अपने दल में शामिल कर बोचहां से प्रत्याशी घोषित कर दिया. उनके पिता मुसाफिर पासवान लंबे समय तक राजद में रहे थे और लालू प्रसाद के काफी करीबी माने जाते थे. इधर, राजद द्वारा अमर पासवान के टिकट मिल जाने के बाद बिहार के मंत्री रहे और कई बार के एमएलए रमई राम नाराज हो गए. रमई राम राजद से अपनी बेटी गीता कुमारी को बोचहां से उम्मीदवार बनाना चाहते थे.
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सोमवार को अचानक वीआईपी के संभावित उम्मीदवार के 'लालटेन ' थाम लेने के बाद रमई राम की योजना असफल दिखाई देने लगी. इस बीच, वीआईपी के मुकेश सहनी ने रमई राम से संपर्क करने में देर नहीं की और रात में प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर गीता कुमारी को प्रत्याशी घोषित कर दिया. राज्य के प्रमुख दलों के प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद सभी दलों ने अपने-अपने जीत के दावे किए हैं. मुकेश सहनी ने जहां बीजेपी के साथ दोस्ताना संघर्ष की बात करते हुए जीत का दावा किया है, वहीं पूर्व मंत्री रमई राम ने वीआईपी का दामन थामते ही राजद नेता तेजस्वी यादव को 'धोखा देने वाला ' बता दिया.
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