मुजफ्फरपुर:उत्तर बिहार में मासूम बच्चों के लिए काल बना चमकी बुखार का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. अब यह आंकड़ा बढ़कर एक दर्जन तक पहुंच गया है. इस वर्ष पहला केस मोतिहारी जिले से 16 जनवरी को एसकेएमसीएच पहुंचा था. एसकेएमसीएच के आंकड़ों की माने तो अब तक मोतिहारी से एक, सीतामढ़ी से एक और मुजफ्फरपुर से 10 केस सामने आए हैं. लेकिन सबसे अच्छी बात है कि सभी 12 बच्चे ठीक होकर वापस घर जा चुके हैं.
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चमकी बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क: अब तक इस बीमारी से किसी भी मासूम की जान नहीं गई है. लेकिन जिस तरह से प्रचंड धूप और गर्मी पर रही है. उससे काफी ज्यादा बच्चों का ख्याल रखना जरूरी है. पूर्व के वर्षों की बात करें तो जैसे-जैसे गर्मी अपना रौद्र रूप धारण करती है. वैसे-वैसे यह बीमारी बच्चों में तेजी से होने लगता है. जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार तरह-तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपने बच्चों का अच्छे से देखभाल कर सकें और तेज धूप में बाहर नहीं निकलने दें. साथ ही साथ कोई जूठा फल ग्रामीण इलाकों के बगीचे से ना खाएं.
कई बच्चों की हो चुकी है मौत: बीते कई वर्षों की बात करें तो यह बीमारी ने मुजफ्फरपुर ही नहीं बल्कि उत्तर बिहार के कई जिलों के घर के किलकारी को हमेशा हमेशा के लिए बंद कर चुका है. सैकड़ों बच्चे इस बीमारी के शिकार हो चुके हैं. लेकिन अब तक कोई ठोस इलाज स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं ढूंढ पाई कि आखिर इस बीमारी को जड़ से कैसे खत्म कर दिया जाए. लोगों के अंदर जागरूकता पैदा कर थोड़ी राहत इस बीमारी से स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने जरूर कर दी है.
लोगों को किया जा रहा जागरूक: जरूरत है इस बीमारी के लक्षणों और समाधान को ध्यान देने की जिससे घर के अंदर मासूम सुरक्षित रहे. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन लगातार आम जनों से यह अपील भी करती है कि अगर इस मौसम में आपके मासूम बच्चे को बुखार हो या फिर तबीयत किसी कारण से बिगड़े तो बिना किसी देरी के अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाए और समुचित इलाज करें जरूरत है. सभी लोग अपने अपने घरों के मासूम बच्चे पर विशेष ध्यान दें. आपको बताते चलें कि मौसम विभाग के द्वारा यह अनुमान भी लगाया गया है कि हाल के सप्ताह में इस तपिस भरी धूप और गर्मी से निजात नहीं मिलने जा रही है. ऐसे में अपने मासूम का ख्याल रखना बेहद जरूरी है.