मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में चर्चित किडनी कांड मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को आवश्यक कार्रवाई करने को लेकर निर्देश (NHRC issue notice to Chief Secretary and DGP ) दिया है. साथ ही कहा है कि मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी व एसएसपी से रिपोर्ट तलब करते हुए चार सप्ताह में जवाब मांगा है. नवंबर में एक मामला प्रकाश में आया था कि गर्भाशय के ऑपरेशन के बहाने एक महिला की दोनों किडनी निकाल ली गई. इसके बाद मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एवं राज्य मानवाधिकार आयोग में याचिका दाखिल की थी.
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पीड़ित महिला की दोनों किडनी निकाल ली थीःइस मामले में पीड़ित महिला सुनीता देवी की दोनों किडनी निकाल ली गई है. मानवाधिकार अधिवक्ता एनएचआरसी में मामला दर्ज कर इसमें संलिप्त आरोपितों की अविलम्ब गिरफ्तारी की मांग की थी. इस पर सुनवाई करते हुए आयोग ने यह कार्रवाई की है. जिले के सकरा थाने के मथुरापुर गांव की निवासी सुनीता देवी को पेट में दर्द था. उसका इलाज बरियारपुर के शुभकान्त क्लिनिक में एक झोलाछाप चिकित्सक डॉक्टर पवन कुमार ने किया.
गर्भाशय से ट्यूमर निकालने के बहाने गायब कर दी किडनीः डॉ पवन कुमार ने महिला के गर्भाशय में ट्यूमर होने की बात कही और तीन सितम्बर को महिला का ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के बाद सुनीता की तबियत बिगड़ने लगी, शरीर में सूजन होने लगा. तब जाकर महिला के परिजनों ने मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में सुनीता का सीटी स्कैन कराया. इसकी रिपोर्ट में दोनों किडनी गायब मिले. ऐसी रिपोर्ट आने के बाद ओवरी ऑपरेशन के दौरान किडनी गायब होने की एफआईआर कराई गई. तब प्रशासनिक अधिकारी सकते में आये और जांच शुरू हुई. तब मालूम चला कि वह क्लिनिक सरकार के मानदंड के अंतर्गत कार्य नहीं कर रहा है.
पहले भी एनएचआरसी ने डीएम और एसपी को भेजा था नोटिसः इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पहले में बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी व एसएसपी को नोटिस जारी किया था. चार सप्ताह में जवाब मांगा गया था. जिलाधिकारी व एसएसपी ने आयोग में रिपोर्ट प्रेषित की थी जिसमें मामले में एफआईआर दर्ज कर अनुसन्धान किये जाने की बात कही गयी थी. रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए आयोग ने एसएसपी मुजफ्फरपुर से अनुसन्धान की वर्तमान स्थिति व जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर से पीड़िता को मुआवजा दिए जाने से जुड़ी रिपोर्ट की मांग की है.
" यह काफी गंभीर मामला है और इस मामले में बिना विलम्ब किये हुए सरकार को अविलम्ब अच्छे चिकित्सा संस्थान में पीड़ित महिला का ईलाज सुनिश्चित करना चाहिए तथा किडनी प्रत्यारोपण के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए. क्योंकि पीड़ित महिला की जान बचाने की दिशा में सरकार को हरसंभव प्रयास करने की जरूरत है"- एसके झा, अधिवक्ता, मानवाधिकार