मुजफ्फरपुर: सोमवार की रात 10 बजे का वक्त था.मुजफ्फरपुर उत्पाद विभाग के सभी जवान खाना खाने के बाद सो रहे थे. तभी उनके मोबाइल पर एक मैसेज आता है. 'रात को 20 लड़के तैयार रहो मुजफ्फरपुर में लोकल रेड के लिए जाना है.' बहुत से सिपाही सो गए थे. लेकिन जो जाग रहे थे वो एक मैसेज सुनकर विचलित थे. डिपार्टमेंट का मैसेज साफ था कि जो इस रेड में शामिल नहीं होगा उसकी नौकरी चली जाएगी. मृतक उत्पाद सिपाही दीपक की छुट्टी थी लेकिन इसी डर से वो छापेमारी की टीम (Raid on Liquor Mafia in Muzaffarpur ) में शामिल हो गया.
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'बूढ़ी गंडक की धारा में शराब माफिया से सिपाही की हाथापाई' : सोमवार की रात 11 बजे सकरा थाना क्षेत्र के बूढ़ी गंडक नदी के किनारे शराब माफिया की भट्टी चलती हैं, जिसे रंगे हाथ दबोचने के लिए उत्पाद विभाग ने प्लान बनाया हुआ था. एक्साइज कॉन्स्टेबल अभिषेक कुमार ने बताया कि हम सभी मैसेज देखकर तैयार हो गए. हमारे साथ एक्साइज एएसआई रामानंद थे. हम तीन लोग जिसमें मृतक दीपक भी साथ था, गंडक नदी के कछार में पहुंचे. वहां पर हमारी टीमें तीन भाग में बंट चुकी थी. टीम के कुछ लोग नदी के पार दूसरी ओर से शराब माफिया को घेर रहे थे. हम तीन लोग गंडक के किनारे दरधा पुल के पास पहुंचे, जहां देखा कि 1 किलोमीटर की दूरी पर रोशनी हो रही थी. हमारे टीम में मौजूद साथी ने कहा कि वहां शराब बन रही है. हम लोग धीरे-धीरे उस लाइट की ओर दबे पांव बढ़े. लेकिन, बूट की आवाज सुनकर शराब माफिया अलर्ट हो गए.
साथी सिपाही के दावे में कितना दम? : सिपाही अभिषेक ने बताया कि शराब माफिया टार्च जलाकर चारों तरफ देखने लगे. थोड़ी ही देर में हम लोग उनके पास पहुंच गए. हमें देखकर शराब माफिया भागने लगे. संख्या में वो 2 ही थे और हम तीन . मैने देखा कि कॉन्स्टेबल दीपक (मृतक) ने दोनों शराब माफियाओं को दबोच लिया है. लेकिन भट्टी एकदम नदी की ढाल पर थी. इलाका हम लोगों के लिए नया था. इसलिए, वहां अंदाजा नहीं लग पाया. इसी का फायदा उठाकर शराब तस्करों ने दीपक को पानी में खींच लिया. पानी में थोड़ी देर तक झड़प हुई फिर दोनों माफिया नाव पर चढ़ कर आंखों से ओझल हो गए लेकिन दीपक पानी की धार में डूबकर मर गया. हमारी टीम उसके आवाज को सुन रही थी लेकिन हम सभी देख नहीं पा रहे थे. सुबह 4 बजे उसकी डेड बॉडी मिली.
''नदी के पार भी हमारी टीम गई थी. दोनों शराब माफिया की दीपक से हाथापाई हो रही थी. नदी के पार भी हमारी टीम गई हुई थी. हमलोगों ने चिल्लाकर बुलाया. शायद दीपक को उनलोगों ने नदी में खींच लिया था. नदी से ही उसने आवाज लगाया कि सर नाव लेकर आइए. लेकिन जब तक हम लोग पहुंचे उसकी आवाज भी शांत हो गई थी. सुबह 4 बजे उसकी डेड बॉडी मिली''- अभिषेक कुमार, सिपाही, उत्पाद विभाग