मुजफ्फरपुर :करजा थाना (Karja Police Station) पुलिस की कार्यशैली ने पुलिस महकमे की साख पर बट्टा लगा दिया है. व्यवहार न्यायालय की सीजेएम नयन कुमार (Nayan Kumar) ने इस छापेमारी में शामिल पूरी पुलिस टीम पर डकैती की धारा 395 समेत मारपीट और आर्म्स एक्ट में एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया है. अदालत के इस फैसले से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.
पुलिस की करतूत का पर्दाफाश
दरअसल, 22 फरवरी की देर रात करजा थाना पुलिस ने रसूलपुर (Rasulpur) में छापेमारी की थी. जिसमें 49.98 लाख कैश, आर्म्स, चेक बरामद होने का दावा किया गया था. उस वक्त पुलिस की खुब तारीफ हुई थी. लेकिन किसी को यह नहीं पता था कि जिस पैसे को बरामद कर पुलिस वाहवाही लूट रही है वह पैसा किसी शराब माफिया (liquor mafia) का नहीं बल्कि गांव के ही रिटायर्ड सैनिक हरिद्वार प्रसाद ठाकुर (Haridwar Prasad Thakur) का था.
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रिटायर्ड फौजी का था पैसा
रसूलपुर गांव निवासी हरिद्वार प्रसाद ठाकुर (Haridwar Prasad Thakur) के घर जब पुलिसपहुंची थी तब उनके अलावा अन्य ग्रामीणों ने भी कहा था कि यहां कोई शराब माफियानहीं है लेकिन पुलिस ने किसी की बात नहीं सुनी. हरिद्वार प्रसाद (Haridwar Prasad)ने कहा कि देर रात जब पुलिस घर पहुंची तो हमारे परिवार को लगा कि घर में डकैती होगी. जिसके बाद जमीन बेचकर रखे गए पैसे और कुछ गहने लेकर बहू खेत की तरफ भाग गई. जिसे पुलिसने पकड़ लिया और पैसे जब्त कर चलती बनी. बाद में मीडिया के सामने पुलिस टीम ने कहा कि शराब माफिया (liquor mafia)के घर से करीब 52 लाख रुपये कैश जब्त किया गया है.
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पुलिस कर्मियों पर दर्ज होगा डकैती का मामला
इतना कुछ होने के बाद हरिद्वार प्रसाद ठाकुर (Haridwar Prasad Thakur) ने कोर्ट में याचिका दायर कर गुहार लगाई. महीनों सुनवाई के बाद व्यवहार न्यायालय के सीजेएम नयन कुमार (Nayan Kumar) ने करजा के तत्कालीन प्रभारी थानेदार बृजकिशाेर प्रसाद यादव, एंटी लिकर टास्क फाेर्स के सदस्य रहे दाराेगा रवि प्रकाश, दाराेगा कुमार अभिषेक, सिपाही राहुल रंजन, गौतम कुमार, मंटू कुमार, जीतेन्द्र कुमार, सुनील सिंह समेत 10 अज्ञात पुलिसकर्मियों को आरोपित बनाते हुए डकैती का धाराओं में मामला दर्ज करने का आदेश दे दिया. यह जानकारी परिवादी के अधिवक्ता कमलेश कुमार ने दी है.